पुतिन से मिलने मॉस्को पहुंचे जिनपिंग:दोनों के बीच रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा

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(www.arya-tv.com) चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दो दिवसीय दौरे पर आज मॉस्को पहुंचे। यहां वो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात करेंगे। रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद जिनपिंग पहली बार मॉस्को जा रहे हैं। दोनों लीडर्स की नजदीकियां कई मतभेदों के बावजूद गहरी है।

जंग छिड़ने के बाद चीन, रूस के साथ खड़ा नजर आया। जब अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगाए तो चीन ने US के इस कदम का विरोध किया और इसे आग में घी डालने वाला कदम बताया था। इसके अलावा रूस की तरह चीन भी नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी (NATO) के विस्तार पर आपत्ति जता चुका है।

अब सवाल उठता है कि जिनपिंग के मॉस्को जाने का मकसद क्या है? क्या वो जंग खत्म करवाना चाहते हैं? जवाब है- जिनपिंग ग्लोबल लीडर बनने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी कोशिश ये है कि जंग भले ही खत्म न हो, कम से कम पुतिन और जेलेंस्की को सीजफायर पर राजी करा लें। इसके बाद डिप्लोमैटिक चैनल्स खुल जाएंगे और चीन ग्लोबल लीडर कहलाने लगेगा।

बाइलैटरल डॉक्यूमेंट पर साइन करेंगे
रूसी अधिकारियों के मुताबिक, दोनों लीडर्स रूस और चीन के बीच व्यापक और रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में रूसी-चीनी सहयोग को गहरा करने पर भी बातचीत होगी। इसके अलावा जिनपिंग और पुतिन एक अहम बाइलैटरल डॉक्यूमेंट पर साइन करेंगे। इस डॉक्यूमेंट से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी गई।

तीन महीने पहले दोनों नेताओं ने फोन पर बात की थी

30 दिसंबर 2022 को शी जिनपिंग और व्लादिमिर पुतिन की 8 मिनट तक वीडियो कॉल पर बात हुई थी। इस दौरान पुतिन ने दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने को कहा था। इस पर शी जिनपिंग ने कहा था कि दुनिया में जारी मुश्किल हालात के बीच चीन रूस को रणनीतिक सहयोग देने के लिए तैयार है।

‘नो लिमिट’ समझौते ने दोनों देशों को बनाया पक्का साझेदार
यूक्रेन में जंग शुरू करने के बाद दोनों देशों ने ‘नो लिमिट’ रणनीतिक साझेदारी साइन की थी। यूरोपियन देशों की पाबंदी के बाद चीन ने रूसी तेल और गैस की खरीद दो बढ़ा दिया है। इसके बदले में रूस भी ताइवान के मामले पर चीन का साथ दे रहा है। चीन हमेशा से ताइवान को अपना हिस्सा बताते आया है। वहीं, पुतिन ने भी ताइवान को चीन का अभिन्न हिस्सा माना है।

विंटर ओलंपिक्स के दौरान बीजिंग पहुंचे थे पुतिन
4 फरवरी 2022 को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन विंटर ओलिंपिक्स की इनॉगरेशन सेरेमनी के लिए बीजिंग पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा था कि रूस ‘वन चाइना पॉलिसी’ का समर्थन करता है। दोनों देशों ने एक दूसरे के हितों की रक्षा के लिए सहयोग की बात भी कही थी। इसमें उनकी संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और घरेलू मामलों में किसी अन्य देश का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करना शामिल है।