- 147 करोड़ रु0 की 37 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता प्रदान करने के लिए उनके प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि सन् 1947 से वर्ष 1998-99 तक देश केवल एक एम्स के भरोसे चल रहा था। पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने देश को 06 नए एम्स प्रदान किये। इससे एम्स की कुल संख्या सात हो पाई थी। प्रधानमंत्री के प्रयास से वर्तमान समय में एम्स की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। यह सभी आज देश के अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में सन् 1947 से वर्ष 2017 तक 70 वर्षों में केवल 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज बन पाए थे। आज सरकारी क्षेत्र के अंतर्गत 45 जनपदों में मेडिकल कॉलेज बन चुके हैं। 20 जनपदों में मेडिकल कॉलेज के निर्माण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। शेष जनपदों में मेडिकल कॉलेज के निर्माण की कार्यवाही को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा में 500 बेडेड सुपर स्पेशियलिटी ब्लाॅक का लोकार्पण एवं 147 करोड़ रुपये की 37 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने विश्वविद्यालय में नव नियुक्त कार्मिकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। उन्होंने कहा कि एक अस्पताल या संस्थान कैसे ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन करने में योगदान दे सकता है, प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहे मेडिकल कॉलेज इसके उदाहरण हैं।
मुख्यमंत्री जी ने स्वर्गीय श्री मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, उनके द्वारा स्वयं के गांव में आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना के लिए, उनके प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यदि यह चिकित्सा विश्वविद्यालय यहां नहीं बनता तो लघु भारत के दर्शन नहीं हो पाते, क्योंकि देश के विभिन्न क्षेत्रों के कार्मिक तथा विद्यार्थी इस संस्थान से जुड़े हुए हैं। इससे देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को आपस में संवाद का अवसर तथा अनुभवों के आदान-प्रदान का लाभ प्राप्त हो रहा है। इस संस्थान की स्थापना से स्थानीय लोगों के रोजगार सृजन की सम्भावनाएं बढ़ी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई तेजी के साथ अपने कार्यों को आगे बढ़ा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सुपर स्पेशियलिटी सुविधा होने के कारण मरीज को लम्बी लाइनें नहीं लगानी पड़तीं। देश के अलग-अलग क्षेत्रों में एम्स की स्थापना के पीछे प्रधानमंत्री जी का भी यही विजन है कि देश के लोगों को स्थानीय स्तर पर यह सुविधा प्राप्त हो। इसको फैसिलिटेट करने का काम पहली बार हो पाया है। अब पिक एण्ड चूज तथा अपना-पराया की भावना से इलाज नहीं किया जाता है। सभ्य समाज में अपना-पराया का भाव समाज को कलंकित करता है। यह सभ्य समाज के विकास में रोड़ा है। सभी के लिए समानता के भाव के साथ कार्य करना चाहिए। प्रधानमंत्री जी ने ‘सबका साथ-सबका विकास’ का नारा दिया था। स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान भारत योजना इसका उदाहरण है। देश में 50 करोड़ से अधिक लोगों को 05 लाख रुपये प्रति वर्ष के साथ स्वास्थ्य सुविधा से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में 10 करोड़ लोगों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाए जाने हैं, इसमें से 05 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। तथा शेष आयुष्मान कार्डों के लिए प्रकिया युद्ध स्तर पर चल रही है। लोग तेजी के साथ इसका लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, कुलपति आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई प्रोफेसर प्रभात कुमार सिंह तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।