(www.arya-tv.com) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कार्यकर्ताओं द्वारा मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की 393वीं जयंती के अवसर पर शिवाजी विचार यात्रा का आयोजन किया गया,विचार यात्रा का आरंभ विश्वविद्यालय के गेट संख्या दो से हुआ जो की पत्रकारिता विभाग पर जाकर संपन्न हुई इस यात्रा में छात्रपति शिवाजी की वेशभूषा में वीर विक्रम सिंह तथा,जीजाबाई के परिधान में साक्षी ने उनके साहस, त्याग और संस्कार का परिचय दिया।
विचार यात्रा के संदर्भ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय इकाई की अध्यक्ष वर्षा गौतम ने बताया कि यह विचार यात्रा वीर शिवाजी के विचारों और नीतियों का उत्सव है। हमने इस यात्रा से यह प्रयास किया है कि छात्रों के बीच शिवाजी का जीवन प्रेरणादायक बने कहा जाता है वह महान मराठा राजा शिवाजी ही थे जिन्होंने सबसे पहले नौसेना बल के महत्व को पहचाना तथा उन्हें भारतीय नौसेना के जनक के रूप में जाना जाता है।छत्रपति शिवाजी भी उन राजाओं में से एक थे जिन्होंने महिलाओं का हमेशा समर्थन किया और उन्हें सम्मानित किया, उनके शासन में किसी भी महिला का अपमान या उत्पीड़न करने वाले को दंडित किया जाता था शिवाजी के विचारो को दोहराते हुए इकाई अध्यक्ष ने कहा प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए, क्योंकि युद्ध के समय जो वस्तु बल से प्राप्त नहीं होती,विद्या और युक्ति से प्राप्त की जा सकती है और ज्ञान शिक्षा से प्राप्त होता है।
इस विचार यात्रा में अभाविप इकाई और विश्वविद्यालय के तमाम छात्रों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया इस अवसर पर जिला संगठन मंत्री रजत रैकवार, केंद्रीय विश्वविद्यालय कार्य संयोजक अपूर्वा सिंह परिहार,निशांत, वर्तिका त्रिपाठी,मयंक,आस्था, सौरभ,सत्यम,आयुष, प्रखर, आदर्श, मेधा,आदि उपस्थित रहे।