हत्या के मामले में डॉ. संजय निषाद के पर आरोप तय, 2015 में हुआ था कसरवल कांड

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(www.arya-tv.com) निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी सरकार के ​कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं। गोरखपुर के कसरवल कांड में एक व्यक्ति की मौत के मामले में डॉ. संजय निषाद के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय हो गया है। मुकदमे की सुनवाई विशेष न्ययाधीश MP/MLA कोर्ट नम्रता अग्रवाल कर रही हैं।

दरअसल, 2015 में निषादों के आरक्षण देने की मांग के आंदोलन के दौरान उग्र होने पर मुकदमा हुआ था। उन पर भीड़ को भड़काने का आरोप है। हालांकि, कोर्ट में मंत्री डॉ. संजय निषाद और निषाद पार्टी के अध्यक्ष ने आरोपों से इंकार करते हुए विचारण की मांग की। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को साक्ष्य प्रस्तुत करने का आदेश दिया।

जून 2015 में हुआ था कसरवल कांड
जून 2015 की है। सुबह से ही गोरखपुर-सहजनवां रेलवे लाइन पर कई लोग पहुंचने लगे। सरकारी नौकरियों में निषादों को 5% आरक्षण देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के बैनर तले ट्रेन चक्का जाम कर दिया।

राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के संयोजक डा. संजय निषाद की अगुवाई में सभी जिलों से निषाद समुदाय के लोग आए थे। गोपनीय तरीके से हुई तैयारी की जानकारी रेलवे प्रशासन, पुलिस- प्रशासन को नहीं हो सकी थी।

भीड़ देख घबरा गए थे अफसर
भीड़ देखकर अफसर घबरा गए। गोरखपुर और संतकबीरनगर की पुलिस और RPF ने आंदोलनकारियों को समझा-बुझाकर रेल ट्रैक खाली कराने का प्रयास किया तो बवाल हो गया। पुलिस ने डॉ. संजय निषाद सहित कई अन्य लोगों को अभियुक्त बनाकर आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने बुधवार को आरोप तय किया।

रेलवे एक्ट के मुकदमे में भी आरोप तय
सूबे के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद बुधवार को ACJM प्रभाष त्रिपाठी की कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट में उनके विरुद्ध आरोप विरचित किया गया। कोर्ट ने डॉ. संजय निषाद सहित 6 अन्य के विरुद्ध धारा 174 रेलवे एक्ट के तहत आरोप तय किया।

आरोपों से इंकार
दरअसल, RPF ने डॉ संजय निषाद सहित कई लोगो के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। मामले में कई लोगों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। डॉ संजय निषाद सहित 6 अन्य लोगों ने आरोपो से इंकार किया और विचारण की मांग किया। कोर्ट ने 18 अक्तूबर को पत्रावली साक्ष्य के लिए नियत किया है।

निषादों ने किया था उग्र आंदोलन
पुलिस पर पथराव के दौरान गोलियां चलीं। तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई। इस दौरान कई राउंड गोली भी चली। जिससे आंदोलन में शामिल 22 साल के एक युवक की मौत हो गई थी। पथराव में गोरखपुर के तत्कालीन DIG और संतकबीरनगर के SP सहित 30 से अधिक पुलिस कर्मचारी घायल हो गए थे।

संजय निषाद पर दर्ज हुआ था हत्या का केस
मामले में संजय निषाद सहित 36 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने एक-एक करके सभी को अरेस्ट किया। संजय निषाद ने कोर्ट में सरेंडर किया। करीब सात साल पूर्व यह पहला मौका था।