(www.arya-tv.com) बीते कुछ सालों से भारत में हार्ट की बीमारियां काफी बढ़ रही हैं। फिट दिख रहे लोगों की भी अचानक दिल की बीमारी से मौत हो रही है। कुछ महीनों में ऐसे कई केस आए हैं जहां कोई व्यक्ति डांस करते हुए अचानक बेहोश होकर गिरा और उसकी मौत हो गई। ऐसे ही जिम करते हुए या बैठे-बैठे भी लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। इस तरह की जो डेथ हो रही हैं इसका कारण कार्डियक अरेस्ट हैं।
इस स्थिति में हार्ट अचानक से काम करना बंद कर देता है। इससे शरीर के जरूरी हिस्सों में ऑक्सीजन की सप्लाई थम जाती है और व्यक्ति की मौत हो जाती है। ये सब कुछ ही मिनटों में हो जाता है। व्यक्ति संभल भी नहीं पाता और उसकी जान चली जाती है। अब भारत में कार्डियक अरेस्ट के बढ़ते मामलों पर स्टडी भी सामने आई है। जिसमें पता चला है कि देश में 30 से 40 साल की उम्र के लोगों कार्डियक अरेस्ट के केस 13 फीसदी तक बढ़ गए हैं।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिसर्च में यह जानकारी सामने आई है। रिसर्च में कहा गया है कि कम उम्र में कार्डियक अरेस्ट के केस बढ़ने के तीन प्रमुख कारण हैं। इनमें कोविड, बढ़ता मोटापा और खराब लाइफस्टाइल शामिल है। चिंता की बात यह है कि कार्डियक अरेस्ट के अधिकतर मामलों में मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाता है। यही कारण है कि इस बीमारी में मौत की दर काफी अधिक है।
कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में क्या है अंतर
दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉ. अजित जैन ने Tv9 से बातचीत में बताया कि कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक से काफी खतरनाक है. कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक की तुलना में ज्यादा खतरनाक होता है।हार्ट अटैक आने के बाद व्यक्ति की जान बच भी सकती है। माइनर हार्ट अटैक में तो कम ही खतरा होता है। हार्ट अटैक दिल की धमनियों में रुकावट की वजह से होता है, लेकिन कार्डियक अरेस्ट में दिल अचानक ही काम करना बंद कर देता है।
इससे ब्रेन समेत शरीर के दूसरे हिस्सों में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती है।ऑक्सीजन न जाने से दिमाग के फंक्शन थम जाते हैं और ब्रेन डेड हो जाता है।डॉ जैन बताते हैं कि कार्डियक अरेस्ट की वजह से मौतों के मामले बढ़ रहे हैं। बीते तीन सालों में ये समस्या ज्यादा बढ़ रही है। कार्डियक अरेस्टकम उम्र में हो रहा है। अधिकतर मामलों में ये समस्या मौत का कारण बन रहा है।
क्या होते हैं कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
एम्स में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉ. मिलिंद बताते हैं कि कार्डियक अरेस्ट के लक्षण तुरंत आते हैं। जिनको पहचान लिया तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। अगर किसी व्यक्ति को ये 4 परेशानियां हो रही हैं तो ये कार्डियक अरेस्ट के लक्षण हैं।
- अचानक बेहोश होना
- नब्ज का थमना
- स्किन का पीला पड़ना
- व्यक्ति को सांल लेने में परेशानी होना
- सीपीआर बचा सकता है जान
डॉ मिलिंद बताते हैं कि कार्डियक अरेस्ट होने पर अगर तुरंत कार्डियोपल्मोनरी रिसस्टिशन (सीपीआर) दे दी जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। सीपीआर में व्यक्ति की छाती के बीच के हिस्से को पुश करना होता है। एक मिनट में 100 से ज्यादा बाद पुश किया जाता है। ऐसा करने से हार्ट फिर से एक्टिव हो जाता है और अस्पताल पहुंचने तक मरीज को फर्स्ट एड मिल जाता है।