ट‍िकट AC3 की और हाल जनरल जैसा! आपाधापी में बच्‍चे का हाथ छूटा, चोट आई, बहन के दर्द को भाई ने क‍िया बयां

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(www.arya-tv.com) भारतीय रेलवे भले ही सुविधाएं देने के लाख दावे करता हो। लेकिन कैसे यात्रियों को जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड़ती है। इसकी आपबीती एक्स पर एक व्यक्ति ने साझा की है। उन्होंने अपनी बहन को यात्रा के दौरान हुई परेशानी के बारे में बताया है। एक्स उपयोगकर्ता रचित जैन ने लिखा है कि उनकी बहन को कोच के गेट के पास ही भीड़ ने प्रवेश करने से रोक दिया। आपाधापी में उनका बच्चा पीछे छूट गया। उनकी बहन ने 3 एसी कोच की टिकट बुक करवाई थी। इस परेशानी को उन्होंने  साइट पर साझा किया है।

जैन आगे लिखते हैं कि बहन के पास बच्चे को लेने के लिए चलती ट्रेन से उतर अपनी सुरक्षा का जोखिम लेने के अलावा और कोई चारा नहीं था। इस आपाधापी में बहन चोटिल भी हुईं। रेलवे को इस प्रकार की असुविधाओं को दूर करना चाहिए। पहले ही रेलवे में वॉशरूम जैसी सुविधाओं का अभाव है। लोग बिना टिकट लिए भी रेलवे में सफर करते हैं। जो स्थिति को और गंभीर कर रहा है। ऐसे लोगों से निपटने के लिए टिकट चेकर या पुलिस की जरूरत है। ताकि टिकट लेने वाले यात्री बिना परेशानी अपनी यात्रा कर सकें। )

वहीं, इस पोस्ट पर लोगों ने भी प्रतिक्रिया दी हैं। एक व्यक्ति बताते हैं कि पिछले महीने उनको भी यात्रा में ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ा। शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई। यात्रा के दौरान कहीं टीटीई नजर नहीं आया। रेलवे को अपनी सुविधाओं में सुधार करने की जरूरत है। लगता है कि 3 एसी कोच अब सामान्य कोच बन गया है। बिना टिकट भी लोग इसमें सफर करते दिख जाते हैं। 2 एसी में भी कभी भीड़ बढ़ जाती है। अधिक ट्रेनों को चलाए जाने की जरूरत है।

बिना टिकट यात्रियों पर कार्रवाई करे रेलवे

व्यक्ति आगे लिखता है कि बढ़ती जनसंख्या को रोकने की भी जरूरत है। एयरपोर्ट भी अब बस स्टैंड की तरह नजर आने लगे हैं। जो लोग बिना टिकट यात्रा करते हैं, यह गलत है। रेलवे को इन पर कार्रवाई करने की जरूरत है। इस पोस्ट को लोग शेयर भी कर रहे हैं। एक अन्य व्यक्ति ने टिप्पणी की है कि रीवा एक्सप्रेस में यात्रा के दौरान उनको भी असुविधा हुई। एसी कोच में बैठ यात्रा करना सामान्य कोच जैसा लगा।