दिल्ली में पूर्वांचली बनाम पूर्वांचली, क्या कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित होंगे कन्हैया?

# ## National

(www.arya-tv.com)  रविवार रात को दिल्ली में कांग्रेस ने 3 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। राजधानी में कांग्रेस और आप गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं। दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से 3 पर कांग्रेस तो 4 पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ रही है। आप तो उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर चुकी है। ऐसे में अब कांग्रेस ने भी प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने नाॅर्थ ईस्ट दिल्ली सीट से भाजपा के मनोज तिवारी के सामने जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को उतारा है। पिछले चुनाव में सीपीआई माले के टिकट पर कन्हैया बेगूसराय से गिरिराज सिंह के सामने लड़े थे, लेकिन उन्हें वहां हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने पार्टी भी बदल ली है अब देखना होगा कि नाॅर्थ ईस्ट सीट से कांग्रेस को जीत दिला पाते हैं या नहीं।

मनोज तिवारी इस सीट से दो बार के सांसद हैं। उनकी इस क्षेत्र में अच्छी खासी पकड़ है। अभिनेता और गायक कलाकार के तौर पर लोग उन्हें काफी पसंद करते हैं। जबकि इसके उलट कन्हैया की छवि एक पूर्व छात्र नेता की है। जेएनयू में विवादित नारों में नाम सामने आने के बाद उन्हें कुछ महीने तिहाड़ जेल में काटने पड़े थे। इसके बाद वे रातों रात स्टार बन गए। पीएम मोदी और भाजपा को निशाना बनाते उनके भाषण लोगों को पसंद आने लगे। फिलहाल वे कांग्रेस में एनएसयूआई के इंचार्ज हैं।

दिल्ली में वापसी करना चाहती है कांग्रेस

पिछले दो चुनावों में दिल्ली की सातों सीटों पर भाजपा का कब्जा रहा है। ऐसे में ये मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। कांग्रेस दिल्ली में वापसी करना चाहती है। ऐसे में वह नाॅर्थ ईस्ट दिल्ली सीट को जीतना चाहेगी। कांग्रेस का दिल्ली विधानसभा में भी कोई विधायक नहीं है। ऐसे में कन्हैया की जीत दिल्ली में पार्टी के लिए संजीवनी का काम कर सकती है। हालांकि मनोज तिवारी मोदी सरकार के काम के दम पर लगातार तीसरी बार इस सीट को जीतना चाहेंगे।

दंगों के बाद हो सकता है ध्रुवीकरण

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल शराब घोटाला मामले में फिलहाल जेल में बंद हैं। ऐसे में कन्हैया के लिए ये जंग बड़ी मुश्किल होने वाली है। क्योंकि केजरीवाल की दिल्ली में काफी लोकप्रियता है ऐसे में वे इसका फायदा नहीं उठा पाएंगे। वहीं दूसरी ओर 2020 में हुए सांप्रदायिक दंगों के कारण यह क्षेत्र चर्चा में आया था. नाॅर्थ ईस्ट क्षेत्र में सीलमपुर, मुस्तफाबाद, करावल नगर और बाबरपुर-मौजपुर जैसे क्षेत्र आते हैं। यहां मुस्लिमों की आबादी सबसे ज्यादा है। पूरे लोकसभा में 21% वोटर मुस्लिम हैं। ऐसे में धार्मिक ध्रुवीकरण भी बड़ा मुद्दा रहेगा।