ब्रिटेन ने कोरोना वैक्सीन की नौ करोड़ खुराक खरीदने के लिए किया समझौता

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(www.arya-tv.com)ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस के इलाज के लिए तैयार हो रहे टीकों की नौ करोड़ खुराक खरीदने के संबंध में उसने समझौतों पर दस्तखत किये हैं। व्यापार मंत्री आलोक शर्मा ने सोमवार को इसकी घोषणा की। मंत्रिमंडल में शामिल भारतवंशी केंद्रीय मंत्री शर्मा ने कहा कि सरकार ने अग्रणी दवा और टीका कंपनियों-फाइजर, बायोएनटेक और वलनेवा के साथ महत्वपूर्ण भागीदारी की है। ये कंपनियां कोरोना वायरस के उपचार के लिए टीका तैयार कर रही हैं।

शर्मा ने कहा, ‘वैश्विक स्तर पर टीका तैयार करने का प्रयास चल रहा है और हमने ब्रिटेन के नागरिकों को जल्द से जल्द असरदार टीका मुहैया कराने के प्रयासों के तहत यह कदम उठाया है।’ उन्होंने कहा कि दुनिया की अग्रणी दवा और टीका कंपनियों के साथ इस नयी भागीदारी से सुनश्चित होगा कि टीका तैयार होने पर ब्रिटेन के लोगों तक इसकी पहुंच हो।

उन्होंने कहा, ‘महत्वपूर्ण प्रायोगिक अध्ययन में भागीदारी कर हम जल्द से जल्द महामारी को खत्म करने के लिए टीका की तलाश के अभियान को गति देंगे।’ समझौते के तहत कोविड-19 के तीन अलग-अलग टीकों तक ब्रिटेन सरकार की पहुंच होगी। इसके तहत जल्द से जल्द प्रभावी और सुरक्षित टीका ब्रिटेन को मिलेगा।

व्यापार, ऊर्जा और औद्योगिक रणनीति (बीईआईएस) विभाग ने कहा है कि नयी भागीदारी से इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड को टीका की पर्याप्त खुराक मिलेगी। अग्रणी मोर्चे पर काम रहे लोगों सहित जिन लोगों को पहले इसे दिए जाने की जरूरत है, उसे खुराक दी जाएगी।

इसके साथ नयी टीका के लिए पंजीकरण वेबसाइट भी शुरू की जाएगी इसमें लोग प्रायोगिक परीक्षण में शामिल होने को लेकर अपनी दिलचस्पी जाहिर करेंगे । ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर टीका के अध्ययन के लिए अक्टूबर तक इसमें 5,00,000 लोगों को शामिल करने का लक्ष्य है।

बीईआईएस ने बताया कि बड़े स्तर पर प्रायोगिक परीक्षण से वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को हरेक टीका के असर के बारे में बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी और सुरक्षित तथा कामचलाऊ टीका तैयार करने को गति मिलेगी। ब्रिटेन सरकार डेटा के आधार पर अध्ययन के लिए स्वास्थ्य विज्ञान कंपनी जोई के साथ भी काम कर रही है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हेंकॉक ने कहा, ‘कोरोना वायरस को हराने और आम जन-जीवन में लौटने के लिए सुरक्षित और प्रभावी टीका ही एकमात्र उम्मीद है। हमारे वैज्ञानिक और अनुसंधानकर्ता हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। मैं लोगों से पंजीकरण के लिए आगे आने का अनुरोध करता हूं ताकि जल्द से जल्द टीका की तलाश की जाए।’