सेहत ठीक, फिर भी छात्र की दोनों किडनी खराब:सिर्फ ट्रांसप्लांट ऑप्शन

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com) UP में 2 स्टूडेंट्स के किडनी खराब होने के बेहद चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। दोनों छात्र एकदम फिट थे। उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं थी। लखनऊ के 22 साल के छात्र ने मजाक-मजाक में जांच कराई तो दोनों किडनी खराब निकली। डॉक्टरों ने तुरंत डायलिसिस शुरू किया। किडनी ट्रांसप्लांट ही लास्ट ऑप्शन बताया।

जबकि मुरादाबाद के 23 साल के स्टूडेंट ने फ्री हेल्थ कैंप ने जांच कराई तो चौंकाने वाला रिजल्ट आया। जिसे डॉक्टर भी देखकर हैरान थे। उसकी दोनों किडनी आधी से भी कम रह गई थी।

  • पहले आपको लखनऊ के स्टूडेंट के बारे में बताते हैं

लखनऊ के इंदिरा नगर के रहने वाले LU के एक PG स्टूडेंट के घर में उसके ग्रैंड पेरेंट्स के लिए बीपी नापने के लिए मशीन आई। इस बीच, वह मजाक-मजाक में अपना भी बीपी चेक करने लगा। जिसमें उसका बीपी सामान्य से ज्यादा था। कई बार यही वैल्यू आने पर घर वाले स्टूडेंट को लेकर नजदीक के क्लीनिक पहुंचे। डॉक्टर के यहां भी बीपी की वैल्यू ज्यादा ही दिखाई दी। इस बीच डॉक्टर ने ब्लड समेत कुछ अन्य जांच कराने की सलाह दी।

2 दिन बाद जब जांच रिपोर्ट आई तो सभी हैरान रह गए। रिपोर्ट में तमाम सारे पैरामीटर कंट्रोल में थे लेकिन क्रिएटिनिन लेवल 11.4 आया। रिपोर्ट देखकर डॉक्टर भी हैरान थे। दरअसल, सामान्य क्रिएटिनिन लेवल 0.7-1.4 होता है।

दोबारा जांच की रिपोर्ट भी पहले जैसी ही आई

डॉक्टरों ने दोबारा जांच कराने के निर्देश दिए। दूसरी बार भी पहले जैसी ही रिपोर्ट आई। जिसके बाद परिजन बेटे को लेकर निजी नेफ्रोलॉजिस्ट के पास पहुंचे। जहां नेफ्रोलॉजिस्ट भी रिपोर्ट देखकर चौंक गए। क्रिएटिनिन लेवल बहुत हाई होने के बावजूद स्टूडेंट में कोई लक्षण का न होना। थोड़ा परेशान करने वाला था।

डॉक्टरों के रिस्पांस से परेशान परिजन मरीज को आनन-फानन में लेकर लखनऊ PGI पहुंचे। वहां पर जांच के बाद परिजनों की परेशानी और बढ़ी। डॉक्टर ने तत्काल डायलिसिस शुरू करने की बात कही। साथ ही ट्रांसप्लांट के लिए डोनर तलाशने की जिम्मेदारी परिजनों को सौंपी। करीब एक सप्ताह अस्पताल में एडमिट करने के बाद कई राउंड डायलिसिस हुई। मगर, डॉक्टरों के मुताबिक अब किडनी ट्रांसप्लांट ही लास्ट ऑप्शन हैं। तब तक के लिए हर सप्ताह 2 बार डायलिसिस कराना पड़ेगा।

परेशान परिजन नहीं समझ पा रहे क्यों डैमेज हुई किडनी

मरीज के करीबी रिश्तेदार दिलीप सिंह ने बताया, “बच्चा बेहद तेज और कामकाजी रहा है। कभी कोई बड़ी बीमारी नहीं रही। अभी उसके सेमेस्टर एग्जाम चल रहे थे। 2 पेपर वह दे भी चुका था। कोरोना के दौरान भी वह कोविड की चपेट में आने से बच गया था।

यह समस्या क्यों हुई। इस बारे में डॉक्टर भी ज्यादा कुछ नहीं बोल पा रहे हैं। अब डॉक्टर सिर्फ किडनी ट्रांसप्लांट की ही बात कह रहे हैं। इतनी कम उम्र में किडनी ट्रांसप्लांट कराना सही होगा या नहीं, यह तो पता नहीं। डॉक्टरों का कहना है कि इसके अलावा कोई और रास्ता नही है।

किडनी को लेकर न करें लापरवाही
SGPGI के नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. नारायण प्रसाद ने बताया कि किडनी से जुड़े कंप्लीकेशन्स अब बढ़ती उम्र में होने वाली बीमारी नहीं रह गए है। यह तेजी से युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। बच्चों में भी किडनी से जुड़ी समस्याएं सामने आ रही हैं। किडनी को लेकर लापरवाही किसी भी हालत में नहीं बरतनी चाहिए।

  • दूसरा मामला: युवक की किडनी नॉर्मल साइज से आधे से भी छोटी हो गई

दूसरा मामला मुरादाबाद का है। जहां 23 साल के युवक को एक इवेंट में जाना था। वहां मेडिकल कैंप लगा था। जहां डायबिटीज और बीपी जैसी सामान्य जांच की जा रही थी। मौके पर बीपी जांच के दौरान ही उसे हाई ब्लड प्रेशर की जानकारी हुई। डॉक्टर के कहने पर उसने ब्लड की जांच कराई तो बाकी सब पैरामीटर नार्मल रहे पर क्रिएटिनिन की रेंज बहुत ज्यादा 19 तक पहुंच गया।

परेशान परिजनों ने पहले नजदीकी डॉक्टर को दिखाया, फिर उसे सहारनपुर ले गए। वहां से वह SGPGI के पूर्व डॉक्टर नेफ्रोलॉजिस्ट अनीश श्रीवास्तव के निजी अस्पताल पहुंचे। यहां अल्ट्रासाउंड समेत तमाम जांच करने के बाद पता चला कि उसकी दोनों ही किडनी छोटी (Shrink) हो गई है। किडनी का साइज नार्मल साइज से आधे से भी कम हो गया है।