बाल साहित्य पर डॉ सुरेन्द्र नाथ तिवारी की पुस्तक का लोकार्पण

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(www.arya-tv.com) हिंदी साहित्य के अंतर्गत आने वाले बाल साहित्य पर डॉ सुरेन्द्र नाथ तिवारी की पुस्तक हिंदी बल साहित्य परंपरा विकास एवं मूल्यांकन पुस्तक का आकार ले कर आ गयी है .डॉ तिवारी राजकीय इन्टर कॉलेज पिपरी सुल्तान पुर में प्रधानाचार्य  पद पर कार्य कर रहे हैं

बाल साहित्य की इस पुस्तक का लोकार्पण राजकीय इन्टर कॉलेज अयोध्या के प्राचार्य ने किया . इस अवसर पर अनेक गण्यमान व्यक्ति मौजूद थे.पुस्तक में कुल आठ अध्याय हैं

 पहला अध्याय : बाल साहित्य का अर्थ, परिभाषा (भारतीय तथा पाश्चात्य विद्धानों के मत) दूसरा अध्याय : बाल साहित्य का बाल मनोविज्ञान से सम्बन्ध : ( क ) बाल साहित्य रचना में बाल मनोविज्ञान का योगदान ( ख ) बाल साहित्य और आयु-वर्ग (भाषा-ज्ञान, प्रयुक्त भाषा तथा शैलियाँ) तीसरा अध्याय : हिन्दी बाल साहित्य की परम्परा (लोक साहित्य और बाल साहित्य) चौथा अध्याय : हिन्दी बाल साहित्य के विकास का संक्षिप्त इतिहास पाँचवाँ अध्याय : हिन्दी बाल साहित्य की विधाएँ : ( अ ) बालगीत, ( ब ) बाल कहानी ( स ) बाल उपन्यास ( द ) बाल नाटक ( य ) बाल जीवनी साहित्य छठवाँ अध्याय : हिन्दी बाल साहित्य के विकास में बाल पत्र-पत्रिकाओं का योगदान सातवाँ अध्याय : मूल्यांकन और मूल्यांकन आठवाँ अध्याय : उपसंहार का है
पुस्तक कुल ३१२ प्रस्थों की है और इसका मूल्य rs ५०० है .डॉ सुरेन्द्र नाथ ने कॉलेज लाइब्रेरी के लिए यह पुस्तक वर्तमान प्राचार्य को प्रदान की है