देश में तेजी से बड़ा रहा बर्ड फ्लू इंसानो के लिए बड़ा खतरा

Health /Sanitation

(www.arya-tv.com) बर्ड फ्लू अब देश में तेज़ी से फैलना शुरू हो गया है। देश के दस राज्यों में बर्ड फ्लू के संक्रमण यानी एवियन इन्फ्लुएंज़ा के फैलने की रिपोर्ट सामने आई है। दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद सोमवार को उत्तराखंड में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई। बर्ड फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने फ्लू की रोकथाम के लिए तमाम कदम उठाने के साथ राज्यों से मुर्गा मंडियों को बंद या बिक्री प्रतिबंधित नहीं करने को भी कहा, क्योंकि मानव में बर्ड फ्लू संचरण की कोई वैज्ञानिक रिपोर्ट सामने नहीं आई है। डॉ. शुचिन बजाज (उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स, इंटरनल मेडिसिन) ने कहा, “बर्ड फ्लू इन्फ्लुएंजा का एक प्रकार है। इन्फ्लुएंजा एक H5N1 वायरस है। यह पानी के फव्वारे से शुरू हुआ था, लेकिन इसने मुर्गी पालन उद्योग को बहुत जल्दी संक्रमित करना शुरू कर दिया।

घरेलू पोल्ट्री इससे संक्रमित हो सकते हैं। अगर यह किसी पक्षी को संक्रमित करता है, जो उनके मरने की संभावना जल्दी होती है, लेकिन ये पक्षी इस वायरस को 10 दिनों से ज्यादा समय तक फैलाते रहते हैं। पक्षियों के आसपास होने पर हमें बहुत सावधान रहने की ज़रूरत है। अगर आप चिकन और अंडे को खाएं, तो उन्हें अच्छी तरह से पका कर ही खाएं। इससे आप संक्रमित नहीं होंगे क्योंकि पकाने से वायरस मर जाते हैं। वायरस लगभग 73 डिग्री सेंटीग्रेड में मर जाते हैं और हम आम तौर पर इस तापमान से ज़्यादा चिकन और अंडे पकाते हैं। तो चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। अगर हम जीवित पक्षियों को संभाल रहे हैं, तो इस वायरस से हमें संक्रमित होने का ख़तरा हो सकता है। इस वायरस का फर्टिलिटी रेट लगभग 60% है और यह एक बहुत घातक वायरस है। अच्छी बात यह है कि यह इंसान से इंसान में नहीं फैलता है। इंसान से इंसान में फैलने का अभी कोई मामला सामने नहीं आया है, इसलिए अभी तक महामारी नहीं आयी है लेकिन यह वायरस पक्षियों से इंसानों में फ़ैल सकता है।”

लगातार कफ रहना

– नाक बहना

– सिर में दर्द रहना

– गले में सूजन

– मांसपेशियों में दर्द

– दस्त

– हर वक्‍त उल्‍टी या मतली का महसूस होना

– पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना

– सांस लेने में समस्या के साथ निमोनिया हो सकता है।

– कंजंक्टिवाइटिस (आंख का इंफेक्शन)

डॉ. पी वेंकट कृष्णन (पारस हॉस्पिटल, इंटरनल मेडिसिन) ने कहा, “ऐसे समय में जब बर्ड फ्लू फैला हुआ है, तो कच्चे मांस और अंडे को खाने से बचना चाहिए। हम चिकन को खा सकते हैं, लेकिन अच्छी तरह से पकाकर, अगर ये एक निश्चित तापमान पर पका हो तो इससे बर्ड फ्लू नहीं फैलता। जो लोग पोल्ट्री के संपर्क में रहते हैं, उनमें फ्लू का ट्रांसफर होने की संभावना ज़्यादा रहती है। हालांकि, अभी तक ऐसा कोई केस नहीं मिला है, जिसमें पता चला हो कि बर्ड फ्लू इंसान से इंसान में फैलता है। बर्ड फ्लू के लक्षण और संकेत संक्रमण के दो से सात दिनों के अन्दर दिखना शुरू हो सकते हैं, यह फ्लू के टाइप पर निर्भर करता है कि लक्षण कितना जल्दी दिखना शुरू होगा। ज़्यादातर मामलों में इसके लक्षण पारंपरिक इन्फ्लूएंज़ा से मिलते-जुलते हैं, जिनमें खांसी, बुखार, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और सांस की तकलीफ जैसी समस्याएं शामिल होती हैं। अगर आपको बुखार, खांसी और शरीर में दर्द होता है और हाल ही में दुनिया के किसी ऐसे हिस्से में गए हैं, जहां पक्षी बर्ड फ्लू के चलते मृत पाए गए हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से जांच करवाएं।”

डॉ. मंजीता नाथ दास (इंटरनल मेडिसिन, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, गुड़गांव) का कहना है, “बर्ड फ्लू एक फ्लू जैसी बीमारी होती है, जो एवियन (पक्षी) इन्फ्लूएंज़ा (फ्लू) टाइप-ए वायरस ग्रुप से होती है। अब तक इस वायरस का जो स्ट्रेंन मिला है, वह स्ट्रेंन H5N1 है, जबकि इसके अन्य टाइप H5N1, H7N3, H7N7, H7N9 और H9N2 हैं, लेकिन इन्हें इंसानों में संक्रमण होने का कारण नहीं माना जाता है। बर्ड फ्लू इंसान से इंसान में नहीं ट्रांसमिट होता है, लेकिन इस वायरस से 10 में से 6 इंसान ही बच पाते हैं।

बर्ड फ्लू की फर्टिलिटी रेट बहुत ज़्यादा है, यह चिंता का एक प्रमुख कारण है। बर्ड फ्लू के लक्षण किसी भी अन्य फ्लू जैसी बीमारी के समान ही होते हैं। इन लक्षणों में आमतौर पर बुखार, खांसी, गले में खराश, और मांसपेशियों में दर्द, और मतली, पेट में दर्द, सांस की तकलीफ, वायरल निमोनिया या ज़्यादा गंभीर मामलों में न्यूरोलॉजिकल समस्याएं होती हैं। जो भी चीज़ खाएं लोगों को उसके बारे में सावधान रहना चाहिए। कमर से दर्द से राहत दिलाने के साथ ही सर्दी जुकाम से भी बचाता है जायफल। जो लोग मुर्गीपालन या चिड़ियापालन नहीं करते हैं, उनमें बर्ड फ्लू खाने के माध्यम से ही सबसे ज़्यादा फैलता है। इसलिए अच्छी तरह से पका हुआ मांस और अंडे ही खाएं। ये सुरक्षित माने जाते हैं जबकि कच्चे या कम पके हुए (नरम उबले हुए या अधपके) पोल्ट्री या अंडे को न खाएं। इससे बचने की सलाह दी जाती है। भारत में अभी तक बर्ड फ्लू के लिए कोई टीका नहीं उपलब्ध है और इसका ट्रीटमेंट अन्य फ्लू की तरह ही होता है। यह आमतौर पर एक हफ्ते में ठीक हो जाता है।”

Anni Red Sarees