कुपोषण के मामले में बिहार की स्थिति खराब कुपोषण पर भारी पड़ेगा कोरोना

Health /Sanitation National

(www.arya-tv.com) बिहार के बच्चों में कुपोषण के कारण बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम हो रही है। कोरोना की संभवित तीसरी लहर में ऐसे बच्चों पर कोरोना भारी नहीं पड़े इसके लिए युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है। कुपोषण को मात देकर बच्चों को कोरोना से बचाने को लेकर पोषण के लिए बड़ा अभियान चलाने के लिए तैयारी है। इसके लिए पोषण माह चलाया जा रहा है जिसकी शुरुआत गुरुवार से की गई है। कोरोना काल में पोषण का मामला गंभर है क्योंकि बिहार की हालत इस मामले में खराब है।

चौंकाने वाला है कुपोषण का आंकड़ा
राष्ट्रीय परिवार स्वासथ्य सर्वेक्षण 2019-20 की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। कोरोना काल में यह स्थिति बच्चों के लिए खतरनाक बन सकती है। आंकड़ो के मुताबिक कई स्वास्थ कार्यक्रमों के बावजूद बिहार में पोषण की स्थिति 5 साल में बदतर हुई है। 5 साल तक की उम्र के, उम्र के हिसाब से कम वज़न के बच्चों के आंकड़े 2015-16 में 44% से घटकर 2019-20 में 41% पर आ गए हैं।

कहीं आपका बच्चा भी कुपोषित नहीं
समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद का कहना है कि कुपोष सिर्फ गरीब तबके का अभिशाप नहीं है। संपन्न घरों के बच्चे भी कुपोषित हो सकते हैं। इसके लिए जरुरी है की मां के गर्भकाल के आरंभ से लेकर शिशु के 2 वर्ष पूरे करने तक पोषण का ध्यान रखा जाए और इसमें प्रथम 1,000 दिन की महत्ता को जनमानस तक पहुंचाया जाए।

कुपोषण से निजात के लिए जन जागरूकता और जन भागीदारी जरुरी है। कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए पोषण माह की सभी गतिविधियों का संचालन कोविड सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए किया जाएगा। ऐसे बच्चे जो कमजोर हें उन्हें लेकर विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है।

कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाना
समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन साहनी का कहना है कि स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ दिमाग का वास होता है और इसके लिए बच्चों का पोषित होना जरुरी है। इससे बच्चों में बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

पोषण से ही बच्चों की इम्यूनिटी बूस्ट की जा सकती है। कमजोर बच्चों में संक्रमण की संभावना स्वस्थ्य बच्चों की अपेक्षा अधिक होती है। ऐसे में जन जागरूकता लाकर कमजोर बच्चों को सुपोषित बनाने का काम करना है। लोगों को यह बतासना है कि उनके घरों में और आस पास पोषण के कई साधन उपलब्ध हैं।

पोषण से बच्चों को कैसे बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करना है, यह आम लोगों को बताना जरूरी है। समेकित बाल विकास विभाग के निदेशक आलोक कुमार का कहना है कि कोविड संक्रमण के पहले पोषण माह में बिहार में अच्छा काम हुआ है। वर्ष 2021 में पोषण को लेकर विशेष तैयारी है।

इसके लिए चार थीम पर काम किया जाएगा। जिसमें पोषण वाटिका, योग एवं आयुष चिकित्सा, अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करना एवं उनके लिए पोषण युक्त भोजन की व्यवस्था करना और एनीमिया प्रबंधन पर फोकस रखते हुए पोषण पर काम करना है।