DGP साहब देखिए! डिजिटल माध्यमों से पीड़ित को गुमराह करती बरेली पुलिस!

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प्रधानमंत्री मोदी डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रहे हैं। उद्देश्य साफ है। भ्रष्टाचार पर नकेल कसी जा सके। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी इसी नीति पर काम कर रही है। सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कर रही है। योजनाओं और व्यवस्थाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे में डिजिटिल माध्यमों का उपयोग सुविधा मुहैया कराने के बजाए गुमराह करने के लिए किया जाने लगे तो आप क्या कहेंगे।

मामला उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के पुलिस महकमे का है। दरअसल राज्य राजमार्ग 33 खण्ड बरेली – बदायूँ सड़क निर्माण में करोड़ो रूपये का घोटाला किया गया, जिसकी शिकायत शासन/ प्रशासन को की गई। पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड नामक कंपनी ने इस फोर लेन को बनाया है। इस जाँच को दबाने के लिए पीएनसी के अधिकारियों ने शिकायतकर्ता के खिलाफ एक के बाद एक लूट, रंगदारी समेत कई झूठे मुकदमे दर्ज करा दिए।

शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता ने जब उक्त मामले की शिकायत ट्वीटर के माध्यम से 17 सितंबर 2020 को बरेली पुलिस को की तो बरेली पुलिस के ऑफिसियल ट्वीटर से जवाब आया कि ”उक्त प्रकरण के संबंध में क्षेत्राधिकारी नगर तृतीय को जांचकर आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है।

वहीं शिकायतकर्ता ने दूसरी बार इसी प्रकरण को बरेली पुलिस के ऑफिसियल ट्वीटर पर भेजा तो जवाब आया कि ‘ उक्त प्रकरण के संबंध में पुलिस अधीक्षक नगर बरेली को जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने व जांच आख्या उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया है।”

अब सवाल यह उठता है कि दो दिन पहले बरेली पुलिस ने कहा कि उक्त मामले की जांच सीओ कर रहे हैं वहीं उसी प्रकरण में दो दिन बाद बरेली पुलिस दूसरे ट्वीट में कह रही है बरेली पुलिस अधीक्षक को जांच सौंपी गई हैं। वहीं जांच कर आख्या प्रस्तुत करेंगे। अब सवाल यह उठता है कि क्या डिजिटल माध्यमों से जनता को सिर्फ गुमराह किया जा रहा है। अगर ऐसा है तो इस पर सख्त एक्शन लेने की जरूरत है।

क्या है मामला
मुकदमें की विवेचना कर रही बरेली पुलिस के उप निरीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने शिकायतकर्ता से फोन पर बातचीत के दौरान बताया कि कम्पनी के लोग आये और मोटा लिफाफा दे रहे हैं और चार्जशीट दाखिल करने का दबाब बना रहे हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार उप निरीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने समझौता करने के लिए कहा और बात नहीं मनाने पर और मुकदमे लिखाने की बात कही। समझौता कराने में विफल होने पर दिनेश कुमार सिंह ने आगरा महापौर नवीन जैन जो कि उस वक्त पीएनसी के डायरेक्टर थे से अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों दुरुप्रयोग किया।

शिकायतकर्ता द्वारा प्रशासन को सौंपी गयी कॉल रिकॉर्डिंग से स्पष्ट है कि उप निरीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर धारा 323, 504 & 506 में आरोपपत्र दाखिल कर दिया। बरेली पुलिस अब मुकदमें में पुनः विवेचना करने की बात कर मामले को रफा दफा करने में जुटी है।

क्या कहा शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता ने
उपनिरीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने संवैधानिक शक्तियों का दुरुपयोग कर झूठा आरोपपत्र दाखिल किया है, उन्होंने यूपी पुलिस को बदनाम किया है। उनसे हुई वार्ता की विस्तृत जानकारी स्थानीय प्रशासन से लेकर महामहिम राष्ट्रपति महोदय के व्यक्तिगत सचिव को भेजी है। संवैधानिक शक्तियों का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए।