निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मियों की हड़ताल

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आगरा (www.arya-tv.com) बैंकों के निजीकरण के विरोध में आल इंडिया नेशनलाइज्ड बैंक आफिसर्स फेडरेशन ने 15 व 16 मार्च को अखिल भारतीय बैंक हड़ताल की घोषणा की थी। इसके तहत सोमवार को सभी बैंक अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर हैं। 410 सरकारी बैंकों में ताले लटके हैं। केनरा बैंक के आवास विकास कालोनी स्थित अंचल कार्यालय पर बैंक कर्मचारियाें ने धरना देकर विरोध जताया।

दो दिन के अवकाश के सोमवार को निजी बैंक तो खुल गए, लेकिन सरकारी बैंकों में कर्मचारी हड़ताल पर हैं। आल इंडिया नेशनलाइज्ड बैंक आफिसर्स फेडरेशन के सदस्य ने कहाकि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण की बात कही थी। सरकार की निजीकरण की नीति के विरोध में सभी बैंक कर्मचारी सोमवार और मंगलवार को हड़ताल पर हैं। बैंक कर्मचारी जनता के बीच जाकर निजीकरण के दुष्परिणाम के बारे बताएंगे।

जनता को जागरूक किया जाएगा। उन्हाेंने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण कर ग्राहकों की जमा पूंजी को औद्योगिक घरानों के हाथ में देने की तैयारी है। इसका पूरा विरोध किया जाएगा। सागर गुजराती ने कहा कि सरकार की घोषणाओं को पूरा करने में सार्वजनिक बैंक हर संभव प्रयास करते हैं। इसका नतीजा है कि जब सरकार ने जनधन योजना के तहत खाते खोलने का आह्वान किया तो सार्वजनिक बैंकों ने 33.17 करोड़ खाते खोले, जबकि निजी बैंकों ने केवल 1.25 करोड़ खाते। सरकार की गलत नीतियों के विरोध में आंदोलन जारी रहेगा।

लोगों को हो रही परेशानी

दो दिन अवकाश के चलते बैंक बंद हैं। ऐसे में अधिकांश एटीएम में कैश खत्म हो गया है। सोमवार को हड़ताल के चलते राष्ट्रीयकृत बैंकों से जुडे़ ग्राहकों को परेशानी हुई। आरटीजीएस, नेफ्ट व चेक क्लियरिंग न होने से लेनदेन प्रभावित हैं। बैंकों में हड़ताल के चलते करीब 40 करोड़ का लेनदेन प्रभावित होने की संभावना है।