बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में बिरसा मुंडा की 146वीं जयंती मनाई गयी

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(www.arya-tv.com) बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ की आजादी के अमृत महोत्सव समिति 20 यूपी बालिका बटालियन और 67 यूपी बटालियन लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में आज बिरसा मुंडा जी की जन्म वर्षगांठ के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम मनाया गया।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजय सिंह के निर्देशानुसार हो रहे इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय आंध्रप्रदेश के कुलपति प्रो टी वी कट्टमनि रहे। प्रो कट्टीमनि ने अपने उद्बोधन में कहा की किस तरह से बिरसा मुंडा जैसे आदिवासी महानायकों ने विषम परिस्थितियों के सामने हार न मान कर देश के गौरव और आत्मसम्मान को बचाने के लिए अपना जीवन और जान न्योछावर कर दिया।

उन्होंने बताया कि बिरसा मुंडा जी ने जीवन के 25 साल के सूक्ष्म अंतराल में कठिन परिश्रम से दूर दूर तक जाकर आदिवासी जनसमूह, जनजातियों एवं जंगलवासियों को एकजुट रहने, देश संस्कृति को बचाने, स्वच्छता का ध्यान देने और स्वस्थ्य रहने के लिए जंगलों और प्रकृति के समीप रहे के लिए जागरूकता आंदोलन किया। उन्होंने बताया की भौतिक वस्तुओं की अपेक्षा आत्म गौरव और आत्मसम्मान को बचाना ही मनुष्यों के लिए सर्वोपरि होना चाहिए।

प्रो एस विक्टर बाबू ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया की भगवान बिरसा मुंडा जी ने द्वारा किए गए प्रयासों को हमें बार बार याद करना चाहिए जो की कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य न छोड़ने की प्रेरणा देता है।

छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो बी एस भदौरिया ने अपने वक्तव्य में कहा कि आदिवासी शूरवीरों ने किस तरह गुलामी के खिलाफ आवाज उठाई और जन नायक बनकर उभरे। उन्होंने कहा कि आदिवासी लोगों की संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को सभी के सामने उजागर करने से हमारी भावी पीढ़ी और धैर्यवान एवं ऊर्जावान बनेगी।

कार्यक्रम के शुरुआत में आजादी के अमृत महोत्सव समिति की अध्यक्षा प्रो शिल्पी वर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव का मतलब यानी आजादी की ऊर्जा का अमृत, स्वतंत्रता सेनानियों की प्रेरणा का अमृत, नए विचारों का अमृत, नए संकल्पों का अमृत औरआत्मनिर्भरता का भी अमृत है। आगे उन्होंने इस वर्ष विश्वविद्यालय द्वारा अमृत महोत्सव के अंतर्गत हो चुकी गतिविधियों के बारे में भी प्रकाश डाला।

हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो सर्वेश सिंह ने अपने उद्बोधन में जनजातीय गौरव दिवस की महत्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि आदिवासी जननायकों को सामने लाना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे हमारे संस्कारों और संस्कृति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। साथ ही साथ उन्होंने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि का संक्षिप्त परिचय भी सभी के सामने प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के अंत में कैप्टन डॉ राजश्री ने बिरसा मुंडा जी के देश के प्रति योगदान को याद किया और अभी अतिथियों का कार्यक्रम में जुड़ने के लिए धन्यवाद ज्ञापन दिया।

कार्यक्रम में प्रो प्रीति सक्सेना, प्रो दारापुरी, प्रो गजानन पांडे, डॉ नमिता जैसल, ले मनोज डडवाल, डॉ सुभाष मिश्र, डॉ विक्टोरिया, डॉ अमित कुमार सिंह, श्री सोमिपैम, अन्य शिक्षक गण, कर्मचारी गण, छात्र छात्राओं और एन सी सी कैडेटों ने प्रतिभाग कर कार्यक्रम को सफल बनाया।