तीनों शूटरों को पुलिस कस्टडी में मारना चाहते हैं अतीक के गुर्गे

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(www.arya-tv.com) माफिया अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड के बाद एसआईटी हर तरह से जांच में जुटी हुई है।अतीक और अशरफ की 15 अप्रैल को काॅल्विन अस्पताल के गेट पर तीन शूटरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी।

तीनों शूटर जेल में हैं।इसी बीच यूपी एसटीएफ को इनपुट्स मिले हैं कि अतीक के कुछ करीबी जो इस समय नैनी सेंट्रल जेल में हैं। उन्होंने गुर्गों को निर्देश दिया है किसी भी तरह तीनों शूटरों को टारगेट किया जाए और पुलिस की मौजूदगी में तीनों शूटरों पर हमला किया जाए। यही कारण है शूटरों को पुलिस लाइन से कही नहीं लेकर जाया जा रहा है। पुलिस लाइन में ही पूछताछ हो रही है।

यूपी एसटीएफ को इनपुट्स मिले है जिस तरह अतीक़-अशरफ को पुलिस की मौजूदगी में मारा गया, वैसे ही तीनो शूटरों को टारगेट किया जा सकता है।ताकि अतीक और अशरफ की मौत का बदला लेकर यह संदेश दिया जा सके कि अतीक के गुर्गे अभी जिंदा हैं।अतीक अहमद और अशरफ की मौत के बाद से ही पुलिस उनसे जुड़े़ लोगों और करीबियों से जुड़ी जांच में जुटी हुई है।

पुलिस सूत्रों से खबर है कि अतीक अहमद से जुड़े लोग या करीबियों के फोन अचानक बंद हो गए हैं। पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन के लिए लगभग 1 हजार से अधिक नंबर सर्विलेंस पर लिए गए थे। इनमें से कई नंबर शूटरों के थे, कई जान पहचान के लोगों के थे। सभी फ़ोन स्विच ऑफ है या नॉट रिचेबल आ रहे हैं।

पुलिस केवल अतीक के करीबियों के नंबर सर्विलेंस पर नहीं लगाए थे, बल्कि कई दूसरे गैंग के शूटरों के भी नंबर सर्विलेंस पर थे। ये सभी नंबर अतीक  और अशरफ की हत्या के बाद बंद हो गए। पुलिस नंबर सर्विलेंस पर लगाकर सुराग इकट्ठा कर रही थी। अब इनके दूसरे संपर्कों के जरिए पुलिस नई स्ट्रेटेजी पर काम कर रही है।

बता दें कि माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद की काॅल्विन अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए ले जाते समय अस्पताल के गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद तीनों शूटरों ने तुरंत पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।अतीक और अशरफ की मौ त का सीन भी गुरुवार को रीक्रिएट किया गया।