बरेली सेंट्रल जेल के अधिकारी रडार पर, पूछताछ की तैयारी

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(www.arya-tv.com) बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ पान खाते हुए वीडियो सामने आया है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो 20 फरवरी 2022 का बताया गया है। पान खाते हुए वीडिया पुलिस कस्टडी का है। जिसमें वर्दी में कुछ पुलिसकर्मी और अन्य लोग भी साथ खड़े नजर आ रहे हैं। वीडियो में म्जूजिक की आवाज एडिट की गई है, जिसमें सुनाई पड़ रही है कि लगता है अब घर जाने का समय आ गया।

अतीक का भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ नैनी जेल प्रयागराज से 11 जुलाई 2020 को प्रशासनिक आधार पर बरेली की सेंट्रल जेल आया था। तभी से अशरफ बरेली जेल में बंद है। अतीक अहमद भी एक जनवरी 2019 को देवरिया जेल से बरेली जेल में आया, 19 अप्रैल 2019 को अतीक को फिर नैनी जेल प्रयागराज भेज दिया गया।

जेल अधिकारी भी रडार पर

अतीक के भाई अशरफ के 2 मददगारों को गिरफ्तार किए जाने के बाद अब जेल अधिकारियों पर भी तलवार लटकने लगी है। अभी तक SOG और बरेली पुलिस ने बरेली जेल के सिपाही शिवहरि अवस्थी और कैंटीन में सामान पहुंचाने वाले दयाराम उर्फ नन्हे को अरेस्ट किया है। जबकि अन्य लोग फरार हैं।

जेल के अधिकारियों की जांच को लेकर गोपनीय ढंग से जांच चल रही है। जिसके लिए आईपीएस अधिकारी राहुल भाटी के नेृतत्व में स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम जांच कर रही है। जांच में सामने आया है कि जेल से कुख्यात अशरफ और बाहर अशरफ का साला सद्दाम गुर्गों को हायर करता था।

CCTV में छेड़छाड़ से पहले पहुंचे अफसर

प्रयागराज में उमेशपाल की हत्या कर दी गई। जैसे ही यूपी एसटीएफ ने एक आरोपी से वहां पूछताछ की और मोबाइल की जांच हुई तो पला चला की बरेली जेल से व्हाट्सएप कॉल की गई। यह कॉल कुख्यात अतीक अहमद के पूर्व विधायक भाई अशरफ ने की।

अशरफ का नाम आते ही 27 फरवरी को अचानक डीआईजी बरेली अखिलेश चौरसिया और डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने बैरक में छापा मारा और सीसी टीवी कैमरे भी देखे। जहां बरेली सेंट्रल जेल के कर्मचारी और अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मिली की जेल में बिना पर्चियों के गुर्गे अशरफ से मिलते थे।

नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास

बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में 6 मार्च को जेल चौकी इंचार्ज ने FIR दर्ज करवाई है। FIR के अनुसार, लंबे समय से अशरफ का साला सद्दाम बरेली के बारदारी थाना क्षेत्र के फाइक एनक्लेव में मुस्ताक के नाम पर किराए का मकान लेकर रह रहा था। एक हफ्ते में एक ही आईडी पर 6 से 7 व्यक्तियों को अशरफ से मिलवाया जाता था। जेल के कैमरों में इन सभी बातों का सबूत मिला है।

इसमें अशराफ का साला सद्दाम और लल्लागद्दी की मदद से जेल के अधिकारी और कर्मचारी अवैध तरह से मिलाई कराते थे। गुजरात जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ से मुलाकात भी दूसरे स्थान पर होती थी। उमेश पाल हत्याकांड में अशरफ भी नामजद आरोपी है।

सद्दाम ने फर्जी आईडी पर किराए पर लिया मकान

बरेली सेंट्रल जेल में प्रयागराज के उमेश हत्याकांड के बाद 27 फरवरी को अफसरों ने छापा मारा। DM शिवाकांत द्विवेदी और DIG अखिलेश चौरसिया ने बैरक की चेकिंग कराई। अशरफ से पिछले दिनों जो लोग मिलने आए थे, उनकी जांच कराई गई। इस जांच में यह चौंकाने वाले खुलासे हुए। अशरफ से उसके सगे संबंधियों को बिना पर्ची के बिना जेल का सिपाही शिवहरि अलग मुलाकात कराता था।

वहीं जेल में बंद अशरफ का करीबी नन्हे उर्फ दयाराम जेल में सब्जियां आदि लेकर जाता था। सद्दाम की तलाश के लिए एसटीएफ और एसओजी दबिश दे रही हैं। जिसने फर्जी आईडी पर बरेली में किराए पर मकान लिया। उमेशपाल की हत्या के बाद सद्दाम भी फरार हो गया।