(www.arya-tv.com)दुनिया के कई देशों में लगातार दूसरे साल क्रिसमस फीका रहा। कहीं कोरोना और खासकर ओमिक्रॉन की मार रही तो कहीं कुदरती वजहों से एयर ट्रैफिक पर असर पड़ा। एक आंकड़े के मुताबिक, क्रिसमस वीकेंड पर दुनिया में करीब 7 हजार फ्लाइट्स कैंसल हुईं। कुछ जगह तो कोविड की वजह से हालात ऐसे बने कि स्टाफ ही कम पड़ गया।
फ्लाइट्स रद्द होने की एक बड़ी वजह कोविड-19
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हजारों फ्लाइट्स रद्द होने की एक बड़ी वजह कोविड-19 रहा और लगातार दूसरे साल ऐसा रहा कि महामारी की वजह से क्रिसमस फीका रहा। हजारों लोग क्रिसमस के लिए घर नहीं पहुंच पाए। रिपोर्ट के मुताबिक, कई एयरलाइन कंपनियों ने तो फ्लाइट्स इसलिए ऑपरेट नहीं कीं, क्योंकि उनके पास स्टाफ की कमी थी। फ्लाइट्स पर नजर रखने वाली फ्लाइटअवेयर डेटा ट्रैकिंग वेबसाइट के मुताबिक, 7 हजार फ्लाइट्स कैंसल की गईं।
चीन और अमेरिका की एयरलाइन्स को सबसे ज्यादा नुकसान
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन और अमेरिका की एयरलाइन्स कंपनियों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। इनकी सैकड़ों फ्लाइट्स कैंसल हुईं। कुछ बेहद देरी से चली। शुक्रवार और शनिवार को यानी क्रिसमस पर सबसे ज्यादा परेशानी हुई।
बीबीसी के मुताबिक, फ्लाइट्स कैंसल होने की बड़ी वजह क्रू मेंबर्स का कोरोना पॉजिटिव होना रहा। वहीं, अलजजीरा ने कहा है कि कई देशों में भारी बर्फबारी और खराब मौसम की वजह से भी फ्लाइट्स कैंसल करनी पड़ीं। कुछ स्टाफ मेंबर्स ऐसे भी थे जो खुद तो पॉजिटिव नहीं थे, लेकिन वे संक्रमित लोगों के संपर्क में आए थे। ऐसे में इन्हें भी आईसोलेशन में भेजना पड़ा।
डेल्टा, यूनाइटेड और जेट ब्लू पर सबसे ज्यादा असर
रविवार को 2 हजार फ्लाइट्स कैंसल हुईं। इनमें से 640 फ्लाइट्स अमेरिकी एयरपोर्ट्स पर आने या वहां से जाने वाली थीं। डेल्टा, यूनाइटेड और जेट ब्लू पर सबसे ज्यादा असर देखा गया। यूनाइटेड ने पहले ही कह दिया था कि कोरोना और नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से दिक्कतें आ सकती हैं। अमेरिका में इसका असर ज्यादा देखा जा रहा है। चाइना ईस्टर्न की 390 फ्लाइट्स रद्द हुईं। चीन में कुल मिलाकर एक हजार फ्लाइट्स कैंसल हुईं। लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर 60 फ्लाइट्स टेकऑफ नहीं कर सकीं।