किसानों ने ऐसे कूच किया दिल्ली:स्थानीय लोगों से इनपुट लिया, बैरिकेड तोड़ने के लिए मैकेनिक

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(www.arya-tv.com)किसान आंदोलन का दूसरा दिन काफी रोमांचक रहा। ‘चलो दिल्ली’ के नारे के साथ किसानों ने दिल्ली कूच करने का जो उद्देश्य रखा था, उसे आंदोलन के दूसरे ही दिन पूरा करने में किसान सफल रहे। दिल्ली की सीमा तक पहुंचने के लिए इन किसानों को आठ बड़े बैरिकेड पार करने पड़े और जगह-जगह सुरक्षाबलों की घेराबंदियों को तोड़ते हुए आगे बढ़ना पड़ा। लेकिन ये सब कुछ इतने योजनाबद्ध तरीके से किया गया कि प्रशासन की तमाम रणनीति किसानों को रोकने में विफल साबित हुई।

स्वतंत्र भारत के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार ही हुआ जब आंदोलनकारियों को रोकने के खुद प्रशासन ने ही सड़कें खोद डाली हों। अमूमन आंदोलन कर रहे लोगों पर सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगते हैं, लेकिन इस आंदोलन में यह आरोप खुद सरकार पर ही लग रहे हैं। पंजाब और हरियाणा से चले किसान ये जानते थे कि प्रशासन उन्हें रोकने की हरसंभव कोशिश करेगा। लिहाजा उन्होंने इससे निपटने की तैयारी पहले से ही कर ली थी। किसानों के जत्थों में ऐसे युवा शामिल थे जो ट्रैक्टर प्रतियोगिताओं के विजेता रहे हैं और कई तरह के स्टंट ट्रैक्टर करते रहे हैं। इन युवाओं के लिए भारी से भारी बैरिकेड को ट्रैक्टर की मदद से साफ कर देना चंद मिनटों का ही खेल था।