Mathura Krishna Janmabhoomi Case: कोर्ट कमिश्नर की मांग वाली अर्जी पर हुई सुनवाई, इलाहाबाद HC ने फैसला रखा सुरक्षित

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(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट में मथुरा विवाद से जुड़ी सभी 16 याचिकाओं पर गुरुवार सुनवाई हुई. जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच में सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक 3 घंटे तक चली सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्री कृष्ण विराजमान की ओर से कोर्ट कमिश्नर की मांग वाली अर्जी पर फैसला सुरक्षित कर लिया है. मंदिर पक्ष श्री कृष्ण विराजमान की ओर से कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर विवादित परिसर का सर्वे कराए जाने  की मांग की गई है. अर्जी में 3 मेम्बर कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर विवादित परिसर का सर्वे कर एडवोकेट कमीशन रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे जाने की मांग की गई है. यह अर्जी ऑर्डर 26 रूल 9 में दाखिल की गई है. इस अर्जी पर शाही ईदगाह मस्जिद की ओर से अदालत में जवाब दाखिल किया गया.

मामले की सुनवाई के दौरान शाही ईदगाह मस्जिद का कहना था कि जब तक प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट और वक्फ एक्ट का मामला निर्णीत नहीं हो जाता है, तब तक कोर्ट कमिश्नर की मांग वाली अर्जी डिसाइड नहीं हो सकती है. वहीं श्री कृष्ण विराजमान की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में दलील पेश की. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी केस में भी पहले कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किए गए. उसके बाद ही 7(11) की अर्जी डिसाइड हुई थी. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट की भी कई केसेज का हवाला दिया गया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसलों में कहा है कि 7(11) की अर्जी किसी भी स्टेज पर डिसाइड की जा सकती है. अयोध्या जन्मभूमि विवाद की तर्ज पर मथुरा विवाद का इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रायल हो रहा है. मथुरा जिला कोर्ट से ट्रांसफर हुई सभी 16 याचिकाओं पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रही है.
अयोध्या श्री राम जन्मभूमि विवाद की तर्ज पर मथुरा विवाद
इन याचिकाओं में 12 अक्टूबर 1968 को हुए समझौते को अवैध बताया गया है. इस समझौते के तहत शाही ईदगाह मस्जिद को दी गई 13.37 एकड़ जमीन भगवान श्री कृष्णा विराजमान को सौंपे जाने की मांग की गई है. याचिकाओं में अवैध रूप से बनी शाही ईदगाह मस्जिद को भी हटाए जाने की मांग की गई है, ताकि अयोध्या की तरह मथुरा में भी भव्य मंदिर का निर्माण हो सके. हाईकोर्ट में लीडिंग सूट भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव के नाम से रंजना अग्निहोत्री और 7 अन्य की ओर से दाखिल की गई है. याचिका में कुल 4 पक्षकार बनाए गए हैं. शाही ईदगाह मस्जिद,यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ और श्री कृष्ण जन्मभूमि संघको पक्षकार बनाया गया है. हाईकोर्ट में श्री कृष्ण विराजमान की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन पक्ष रख रहे हैं. वहीं श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास मथुरा के अध्यक्ष व वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने भी पक्ष रखा है.
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में अयोध्या श्री राम जन्मभूमि विवाद की तर्ज पर मथुरा विवाद का 07 नवंबर से ट्रायल शुरू हो गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में मथुरा विवाद से जुड़ी सभी 16 याचिकाओं पर अदालत एक साथ सुनवाई कर रही है. इलाहाबाद हाई कोर्ट के 26 मई 2023 के फैसले के बाद मथुरा जिला कोर्ट से सभी 16 याचिकाएं इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दी गई हैं.
दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मथुरा जिला कोर्ट में चल रहे मामले इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर किए जाने की मांग की गई थी. याचिका में मथुरा विवाद से जुड़ी सभी याचिकाओं पर एक साथ हाईकोर्ट में सुनवाई की मांग की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अरविंद कुमार मिश्रा ने 3 मई 2023 को अपना फैसला रिजर्व कर लिया था. जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र की सिंगल बेंच ने 26 मई 2023 को फैसला सुनते हुए मथुरा जमीन विवाद से जुड़ी सभी याचिकाओं पर हाईकोर्ट में एक साथ सुनवाई का आदेश पारित किया था. इसी आदेश के क्रम में अब मथुरा विवाद से जुड़ी सभी याचिकाओं का ट्रायल इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुरू हो गया है. जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई कर रही है.