ABVP ने जातिगत नारे के विरोध में BBAU में धरना देकर ज्ञापन सौंपा

Lucknow

जातिगत नारे के विरोध में अभविप ने बीबीएयू में धरना देकर ज्ञापन सौंपा

बीते दिनों विरोध प्रदर्शन के नाम पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ में कुछ छात्र संगठनों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में जातिगत नारे लगाकर विद्यार्थियों के बीच में विद्वेष पैदा करने का प्रयास किया गया, जिसका अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पुरजोर विरोध करती है इसी संबंध में आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रदर्शन कर कुलपति को संबोधित ज्ञापन कुलानुशासक महोदय को सौंपा।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अभाविप के प्रांत मंत्री पुष्पेंद्र वाजपेई ने कहा कि कैंपस एक शैक्षणिक परिवार है अभाविप ऐसे स्थान पर जातिगत विभेद बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी जिन अराजक तत्वों द्वारा बाबा साहेब के नाम पर बने विश्वविद्यालय में जातिगत नारे लगाकर बाबा साहेब का अपमान करने का घृणित साहस किया गया ऐसे सभी दोषियों पर कठोर कार्रवाई होना चाहिए।


बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय इकाई की अध्यक्ष अमरप्रीत कौर ने कहा कि कैंपस में शैक्षिक माहौल होना चाहिए यहां पर जातिवाद की बिल्कुल भी जगह नहीं है अगर ऐसा ही चलता रहा तो इससे विश्वविद्यालय का माहौल खराब होगा, ऐसे कृत्य करने वालों पर विश्वविद्यालय प्रशासन को तत्काल कार्यवाही करते हुए रोक लगाना ही होगा।


राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य सृष्टि सिंह ने कहा कि क्या कैंपस में विद्यार्थी एक दूसरे की जाति पूंछकर उनके साथ कक्षाओं में शिक्षा ग्रहण करेगा?क्या शिक्षक विद्यार्थी की जाति पूंछकर उसको पढ़ाएगा? ऐसा नहीं है परिसर में शैक्षिक माहौल होना चाहिए और सामाजिक समरसता के भाव को तोड़ने के प्रयास में लगे ऐसे अराजक तत्वों पर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए।

महानगर मंत्री शाश्वत सांकृत में कहा कि कैंपस पढ़ाई के लिए होता है और वहां पर शिक्षा की ही बात होनी चाहिए, हम मांग करते हैं कि ऐसे जातिवाद का नारे लगाने वाले अराजक तत्वों पर तत्काल कार्यवाही की जाए। इस दौरान प्रमुख रूप से प्रांत संगठन मंत्री अंशुल विद्यार्थी, केंद्रीय विश्वविद्यालय कार्य संयोजक अपूर्वा सिंह, अविजित झा, तनिष्क गोयल,अमन दूबे,शुभम सिंह सेंगर,शांभवी, अंशिका, अनुराग, जतिन,सिद्धार्थ,देवेंद्र, अनुराग काकरान,शिवम, प्रशांत आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।