नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला शातिर गिरफ्तार, कई लोगों से लिया था पैसा

Lucknow

(www.arya-tv.com)लखनऊ गोमतीनगर पुलिस ने डाक विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाले युवक को गिरफ्तार किया है। वह बेरोजगारों से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहा था। उसने पीड़ित को फर्जी नियुक्ति पत्र तक जारी कर दिया। वहीं एक दिन हजरतगंज स्थित जीपीओ (मुख्य डाक घर) ले जाकर डाक के बंडल भी बनवाए। पुलिस इस मामले में डाकघर ले जाने वाले उसके साथियों की तलाश कर रही है। एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि बस्ती निवासी नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले अमित कुमार को गुरुवार सुबह गिरफ्तार किया गया। उसके खिलाफ संतकबीर नगर निवासी गुलशन ने खिलाफ तीन जुलाई को धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। गुलशन ने बताया था कि ठग अमित ने जीपीओ में नियुक्ति कराने के नाम पर अपने साथी मिथिलेश राजभर, महेश सिंह, रितेश श्रीवास्तव, विपिन, अंकित कटियार, ऋतिक और बृजेंद्र तिवारी से कराई थी। मिथिलेश ने डाक विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मी के तौर पर स्थाई नियुक्ति कराने के नाम पर ढाई लाख रुपये भी लिए। उसके बाद भी नौकरी नहीं लगने पर तगादा किया तो उल्टा घूस देने के नाम पर जेल भिजवाने की धमकी देने लगा था। वहीं उसको डाक घर ले जाने वाले दो साथियों की तलाश की जा रही है।

जाल में फंसाने के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र व आई कार्ड तक देता था थमा
पुलिस के मुताबिक नियुक्ति पत्र और डाक विभाग का आईडी कार्ड भी दिया गया था। साथ ही प्रतिमाह 22 हजार रुपये सैलरी मिलेगी मिलने की बात कही। गुलशन के मुताबिक 17 जून की शाम सात बजे उसे जीपीओ गेट पर बुलाया गया था। जहां बृजेंद्र तिवारी मिला। बृजेंद्र उसे अपने साथ ऑफिस लेकर गया। जहां डाक को छांटने और बोरे बांधने के काम में लगा दिया। 18 जून की सुबह पांच बजे तक काम कराया गया। वहीं, बृजेंद्र तिवारी डाक स्कैन कर रहे थे। उसके बाद मिथिलेश ने फिर एक लाख रुपये की मांग की। गुलशन के असमर्थता जताने पर नौकरी से निकलवाने की धमकी दी। गुलशन ने संदेह होने नियुक्ति पत्र लेकर जीपीओ गया। जहां अधिकारियों ने उसे फर्जी करार दिया।

ठग के डाक विभाग से जुड़े होने के तार खंगाल रही पुलिस
पुलिस के मुताबिक आरोपियों के पीड़ित के डाक घर ले जाकर काम कराने से साबित होता है कि उनके तार वहां से भी जुड़े होने की आशंका है। इसके लिए डाक विभाग के अधिकारियों व घटना वाले दिन के सीसीटीवी फुटेज जुटाए जा रहे हैं। जिससे आरोपी व उससे जुड़े लोगों के विषय में जानकारी की जा सके।

सरकारी नौकरी के लिए रिश्तेदारों से जुटाए थे पैसे
पीड़ित गुलशन के पिता की बचपन में ही मौत हो गई थी। उसके मुताबिक पिता की मौत के बाद मामा राजन ने पाला। मामा की मदद से रिश्तेदारों और परिचित लोगों से नौकरी के लिए उधार पैसे लिए थे।