BBAU में पर्यावरण विभाग और एनसीसी के संयुक्त प्रयास से ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया

Lucknow
  • प्रो० राणा प्रताप सिंह,  सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी डॉ० उमा शंकर सिंह,  प्रो० शिखा, प्रो० नवीन कुमार अरोरा,  कैप्टन डॉ.राजश्री उपस्थित रहे।

(www.arya-tv.com)बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में  5 जून को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग, इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल एवं एनसीसी के संयुक्त तत्वाधान में ‘भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखा लचीलापन’ ( Land Restoration, Desertification and Drought Resilience) विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर श्रीराम स्वरूप मैमोरियल विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के पूर्व उपकुलपति प्रो० अजय प्रकाश उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर विशिष्ट अतिथि प्रो० राणा प्रताप सिंह, सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी डॉ० उमा शंकर सिंह, पर्यावरण विज्ञान विभाग की प्रमुख प्रो० शिखा एवं कार्यक्रम समन्वयक प्रो० नवीन कुमार अरोरा उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में संबोधित करते विशिष्ट अतिथि प्रो० राणा प्रताप सिंह
कार्यक्रम में संबोधित करते विशिष्ट अतिथि प्रो० राणा प्रताप सिंह

कार्यक्रम की शुरुआत बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से अतिथियों एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम प्रो० शिखा ने सभी को अतिथियों के परिचय से अवगत कराया। साथ ही कार्यक्रम समन्वयक प्रो० नवीन कुमार अरोरा ने सभी को कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रूपरेखा से अवगत कराया। कार्यक्रम के दौरान प्रो० नवीन कुमार अरोरा द्वारा ‘बायोएक्टिव माइक्रोबियल मेटाबोलाइट्स (संभावनाएं एवं चुनोतियां) विषय पर संपादित पुस्तक का विमोचन किया गया। मंच संचालन एसोसिएट एनसीसी अधिकारी कैप्टन डॉ० राजश्री द्वारा किया गया।

श्रीराम स्वरूप मैमोरियल विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के पूर्व उपकुलपति प्रो० अजय प्रकाश ने सभी को संबोधित करते हुए कहा , कि हमें पर्यावरणीय मुद्दों को स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहिये।
विशिष्ट अतिथि प्रो० राणा प्रताप सिंह ने चर्चा के दौरान कहा, कि विभिन्न समस्याओं के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर पर्यावरण आधारित समाधानों को खोजना चाहिए। हमें पर्यावरण से जुड़े सभी विषयों जैसे ग्लोबल वार्मिंग, जलस्तर में कमी, क्लाइमेट चेंज, वन‌ संरक्षण आदि को गंभीरता से लेकर कार्य करने होंगे तभी वास्तव में पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य सार्थक सिद्ध होगा। सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी डॉ० उमा शंकर सिंह ने पर्यावरणीय मुद्दों से संबंधित विभिन्न आंकड़ों को बताते हुए कहा, कि कार्बन उत्सर्जन के स्त्रोत लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं एवं कार्बन सिंक के स्त्रोत घट रहें हैं, जो कि एक गंभीर समस्या है। पर्यावरण विज्ञान विभाग की प्रमुख प्रो० शिखा ने पर्यावरणीय को बचाने के विभिन्न तरीकों का जिक्र किया। डॉ० राजेश सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, शोधार्थी एवं एनसीसी केडेट्स एवं अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।