दक्षिण अफ्रीका में हिंसा:कई शहरों में आगजनी, भारतीयों को बना रहे निशाना

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(www.arya-tv.com) दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को जेल भेजने के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन ने गंभीर रूप ले लिया है। इस हिंसा में अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। उपद्रवी भारतीय मूल के लोगों को निशाना बना रहे हैं। वे उनकी दुकानों और व्यावसायिक इकाइयों में लूटपाट कर रहे हैं।

उपद्रवियों ने सैकड़ों शॉपिंग सेंटरों, मॉल, गोदामों, घरों और गाड़ियों में आग लगा दी है। कई हाईवे जाम कर दिए हैं। संचार सुविधाएं तहस-नहस कर दी हैं। आगजनी और लूटपाट में करीब 10,400 करोड़ रुपए के माल का नुकसान हुआ है।

पुलिस ने हिंसा के आरोप में 3,000 लोगों को गिरफ्तार किया
पुलिस ने हिंसा के आरोप में 3,000 लोगों को गिरफ्तार किया है। रक्षा मंत्री नोसिविवे नककुला ने कहा है कि हिंसाग्रस्त इलाकों में 10 हजार सैनिक तैनात किए गए हैं। स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर और 20 हजार सैनिक तैनात किए जाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, उपद्रवियों ने क्वाजुलु-नटाल और गौतेंग प्रांतों में ज्यादा लूटपाट की है। क्वाजुलु-नटाल पूर्व राष्ट्रपति जुमा का गढ़ है।

डरबन, सोवेटो, जोहानसबर्ग में भी हालात खराब हो रहे हैं। पूरे देश में खाद्य संकट पैदा हो गया है। राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने मौजूदा हिंसा को दक्षिण अफ्रीका में 90 के दशक के बाद की सबसे बड़ी हिंसा बताया है। साल 1994 में रंगभेद के खिलाफ भारी हिंसक प्रदर्शन किए गए थे।

भारत ने दक्षिण अफ्रीका के सामने भारतीयों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने दक्षिण अफ्रीका में अपने समकक्ष नलेदी पंडोर से बात की। जयशंकर ने पंडोर के सामने भारतीयों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। इस पर पंडोर ने आश्वासन दिया कि दक्षिण अफ्रीका सरकार कानून और व्यवस्था लागू करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। सरकार की प्राथमिकता शांति की जल्द बहाली है।

गुप्ता बंधुओं के कारण जुमा मुश्किल में आए
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा (79) एक हफ्ते से जेल में हैं। इसके खिलाफ देश भर में हिंसा, लूटपाट और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं।