वाराणसीः उत्तर प्रदेश के वाराणसी में किसानों ने नगर निगम पर उनकी जमीनों पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया है। अपनी शिकायतों पर कोई सुनवाई न होने से नाराज किसानों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। यह मामला डोमरी गांव से जुड़ा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोद लिया था।
किसानों का कहना है कि उनके गांव को ग्राम पंचायत से हटाकर नगर निगम के अधीन करने के बाद, नगर निगम बिना किसी वैध आधार के उनकी जमीनों पर कब्जा कर रहा है। दूसरी ओर, नगर आयुक्त ने दावा किया कि यह जमीन सरकारी रिकॉर्ड में नगर निगम की है और उस पर कोई कार्रवाई नियमों के तहत ही की जा रही है।
300 बीघा जमीन पर विवाद
डोमरी गांव के किसान और स्थानीय लोग गुस्से में हैं। उनका कहना है कि नगर निगम ने उनके क्षेत्र को अपने दायरे में शामिल करने के बाद उनकी जमीनों पर जबरन कब्जा शुरू कर दिया है। किसानों का दावा है कि उनके पास 300 बीघा से अधिक जमीन के वैध दस्तावेज हैं, लेकिन प्रशासन इन कागजातों को देखने को तैयार नहीं है।
किसानों ने बताया कि 2 अक्टूबर को नगर निगम और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा उनकी जमीन पर 3 लाख पेड़ लगाने की योजना है। उनका कहना है कि सरकारी योजना के नाम पर उनकी जमीन का जबरन अधिग्रहण अन्यायपूर्ण है और वे इसका कड़ा विरोध करते हैं। इस दौरान सैकड़ों किसान, महिलाएं और स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं।
नगर आयुक्त का जवाब
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने कहा कि डोमरी गांव की विवादित जमीन सरकारी रिकॉर्ड में नगर निगम की संपत्ति के रूप में दर्ज है और उसका सीमांकन भी हो चुका है। उन्होंने बताया कि इस जमीन पर एक घंटे में 2 लाख से अधिक पेड़ लगाने का लक्ष्य है। उनका कहना है कि यदि कोई इस जमीन पर दावा करता है, तो उसे अवैध कब्जा माना जाएगा।