चार साल बाद मेरठ को लगा भूकंप का दोगुना झटका

# ## Meerut Zone

(www.arya-tv.com) भूंकप की दृष्टि से जोन-चार में मौजूद मेरठ को चार साल दो महीने बाद दोगुना झटका लगा है। 2018 में भूकंप का केंद्र मेरठ का खरखौदा क्षेत्र रहा था और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.8 थी, जबकि मंगलवार रात का भूकंप का झटका 6.8 तीव्रता का रहा। रात में दो बार महसूस किए गए। भूकंप के झटकों से लोग दहशत में हैं। शहर की स्थिति और निर्माण कार्यों में मानकों का पालन न होने से भूकंप भविष्य में कोई बड़ा झटका दे सकता है। पुराना शहर सर्वाधिक संवेदनशील है।

33 बार हिल चुकी उत्तर प्रदेश की धरती

एक अगस्त 2019 से नौ नवंबर 2022 तक उत्तर प्रदेश में भूकंप के 33 झटके महसूस किए गए। अगस्त 2019 से पहले की संख्या इससे अलग है। मेरठ में इसी अवधि में तीन बार भूकंप के बड़े झटके महसूस किए गए। जोन चार में होने से मेरठ भूंकप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील श्रेणी में है। हिमालयी क्षेत्र में किसी बड़े भूकंप की जद में मेरठ आ सकता है।

घरों से निकले लोग, डर में बीती रात

मंगलवार देर रात आए भूकंप के बीच अधिकांश लोग सोए हुए थे, लेकिन भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि लोग जाग गए। भूंकप के झटकों के बाद लोग घरों से बाहर निकल गए।

भूकंप आए तो क्या करें

-खुला स्थान भूकंप के दौरान सबसे सुरक्षित है। बिल्डिंग से दूर चले जाएं।

-घर के अंदर हैं तो डेस्क, मेज, बेड, दरवाजे के नीचे सुरक्षित स्थान लें।

– बाहर हैं तो बिल्डिंग और बिजली तारों से दूर हो जाएं।

-बाहर जब तक ठहरें तब तक कंपन ना रुक जाए।

-वाहन चला रहे हैं तो तुंरत रुक जाएं।

-पालतू जानवर को खोल दें ताकि वे बाहर जा सकें।

-मोमबत्ती, माचिस और आग के स्रोत बंद कर दें।