वाराणसी।(www.arya-tv.com) सोमवार को शहर के सन्नाटे को फर्राटा भरते वाहन चीर रहे थे। सुबह से ही शहर के विभिन्न इलाकों में लोग सड़क पर उतर आए। सिर्फ शराब के लिए ही 88 हजार लोग बाहर निकले तो राशन, दवा व अन्य खाद्य पदार्थों की दुकानों पर उमड़ी भीड़ ने इस आंकड़े को लगभग दो लाख से उपर पहुंचाया। इन लोगों ने लॉकडाउन समेत वायरस के प्रकोप से बचने के लिए तय शारीरिक दूरी के मानकों की ऐसी-तैसी कर दी।
दुकानदारों ने शारीरिक दूरी के लिहाज से सर्किल तो बनाया लेकिन दो-एक दुकानों को छोड़ इसका कोई पालन करता नहीं नजर आया। हालत यह कि कोरोना योद्धा के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन कर रही पुलिस भी दोपहर तक सुस्त नजर आई। शहर के हालात देख जब सोशल मीडिया पर कमेंट शुरू हुए तो अधिकारियों के फोन घनघनाए तब पुलिस-प्रशासन नींद से जागा और सख्ती शुरू की। लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए लोग पूरे दिन गलियों-चौराहे के आसपास मंडराते रहे। हजारों की संख्या में घर से बाहर निकले लोग ऐसा व्यवहार कर रहे थे मानो कोरोना का प्रकोप अब समाप्त हो गया है।
बनारस के हजारों लोगों ने सोमवार को लॉकडाउन में मिली छूट का जिस तरह खुला उल्लंघन किया उससे आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ेंगी। सरकार जनता को हो रही तकलीफ को देखते हुए ही एक-एक कर दैनिक जीवन से जुड़ी दुकानों के खुलने का इंतजाम कर रही है इस उम्मीद के साथ ही अपनी व परिजनों की सुरक्षा के लिए लोग घर से बाहर निकलते समय शारीरिक दूरी का ध्यान रखेंगे। मास्क और गमछे का उपयोग करेंगे। अगर आप ऐसे ही मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए अपने व अन्य के जीवन से खिलवाड़ करेंगे तो सरकार को फिर कठोर कदम उठाने पड़ सकते हैं।