भारतीय परिवार हर साल प्रति व्यक्ति 50 किलो खाना बर्बाद करता है, पाकिस्तान में यह आंकड़ा 74 किलो

Environment

(www.arya-tv.com)खाना फेंकने के मामले में भारत की स्थिति पड़ोसी देशों से बेहतर है। एक भारतीय परिवार हर साल प्रति व्यक्ति 50 किलो खाना बर्बाद करता है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान में यही आंकड़ा 74 किलो है। यह दावा संयुक्त राष्ट्र की फूड वेस्ट इंडेक्स रिपोर्ट-2021 में किया गया है। रिपोर्ट कहती है, दुनिया में हर साल भोजन का 17 फीसदी हिस्सा यानी 931 मिलियन मीट्रिक टन बर्बाद होता है।

खाने से पहले कितना भोजन बर्बाद हुआ, रिसर्च जारी
रिपोर्ट के मुताबिक, कई देशों ने अब तक यह पता लगाना नहीं शुरू किया है कि वो कितना खाना फेंक रहे हैं। सरकारों को ट्रैकिंग करने की जरूरत है ताकि इसकी साफ तस्वीर सामने आ सके। संयुक्त राष्ट्र रिसर्च के जरिए यह पता लगाने में जुटा है कि इंसान तक पहुंचने से पहले कितना खाना बर्बाद हुआ। यह पता लगने के बाद और भी सटीक आंकड़े सामने आ सकेंगे।

बर्बादी का सीधा असर पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर
रिपोर्ट कहती है, खाने की बर्बादी का सीधा असर पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। इसे रोकते हैं तो ग्रीन गैसों का उत्सर्जन घटेगा। जमीन अधिक उपलब्ध होगी, प्रदूषण घटेगा और खाने को तरस रहे लोगों के लिए भोजन उपलब्ध कराया जा सकेगा।

संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण प्रोग्राम की डायरेक्टर इंगर एंडरसन कहती हैं, अगर जलवायु परिवर्तन, कुदरस को होने वाला नुकसान और प्रदूषण रोकना है तो मिलकर काम करना होगा। सरकारों और नागरिकों को खाने की बर्बादी को रोकना होगा।

2019 में 69 करोड़ लोग खाने को तरसे
रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में 69 करोड़ लोग खाने को तरसे। महमारी में जिस तरह की तबाही मची है उसे देखते हुए 2020 के लिए यह आंकड़ा बढ़ा हुआ साबित हो सकता है। रिपोर्ट कहती है, खाने की बर्बादी को रोकने के लिए हर जरूरी कदम उठाएं ताकि यह जरूरतमंदों तक पहुंच सके।