निखत ने जेल अधीक्षक को दी 15 लाख की कार:अफसर ने एक साल से सैलरी नहीं निकाली

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(www.arya-tv.com) चित्रकूट जेल मिलन कांड के 71 दिन बाद जेल अधीक्षक अशोक सागर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई। ये 850 पन्नों की है। इसमें निखत के जेल में आने की सेटिंग कराने से लेकर उसकी गिरफ्तारी तक की कहानी हैं। इसमें बताया गया है कि कैसे निखत ने छोटे से लेकर बड़े कर्मचारियों और अधिकारियों को सेट करवाया। इसके बाद एक VIP की तरह अपने पति से जेल के अंदर मीटिंग करती रही।

चार्जशीट में जेल कांड में मेन रोल प्ले करने वाले जेल अधीक्षक अशोक सागर का भी काला चिट्ठा लिखा है। जेल अधीक्षक के खातों से लेकर उनकी सारी डिटेल की जांच की गई है। इसमें कई चौंकाने वाली चीजें सामने आई हैं।

11 फरवरी, 2023 को चित्रकूट डीएम-एसपी को सूचना मिली थी कि मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास से मिलने उसकी पत्नी निखत अवैध तरीके से जेल आती है। इसके बाद डीएम-एसपी ने जेल में छापेमारी की। वहां बाहर से बंद एक कमरे के अंदर निखत मिली थी। जबकि अब्बास चंद मिनट पहले ही कमरे से निकल गया था। पुलिस ने निखत को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद, निखत के ड्राइवर को भी अरेस्ट किया। अभी निखत और उसका ड्राइवर चित्रकूट जेल में बंद है। वहीं, अब्बास अंसारी को प्रशासन ने कासगंज जेल शिफ्ट कर दिया। इस मामले में 3 मई को चार्जशीट दाखिल की गई है।

  • चार्जशीट में खुलासा, जेल अधीक्षक के घर का सारा खर्च चलाती थी निखत

चार्जशीट के मुताबिक, निखत अंसारी ने सबसे पहले जेल में एंट्री पाने के लिए जेल कैंटीन के ठेकेदार नवनीत सचान का सहारा लिया था। नवनीत ने ही जेल के अंदर सारे छोटे कर्मचारियों को सेट किया था। इसके बाद उसी ने निखत को जेल अधीक्षक से मिलवाया था। निखत ने पैसों से जेल अधीक्षक का मुंह बंद कर दिया।

निखत ने पहली मुलाकात में जेल अधीक्षक को 15 लाख की कार गिफ्ट की थी। उसने कार के 12 लाख रुपए जेल अधीक्षक के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए थे। कार का 12 लाख का पेमेंट जेल अधीक्षक ने किया था। वहीं 3 लाख का पेमेंट कहीं और से हुआ था। इसकी जानकारी जेल अधीक्षक को भी नहीं है।

सैलरी का थोड़ा सा भी हिस्सा अकाउंट से नहीं निकाला था
जांच में ये भी सामने आया कि जेल अधीक्षक अशोक सागर ने 1 साल से अपनी सैलरी का थोड़ा-सा भी हिस्सा अकाउंट से नहीं निकाला था। उसका सारा खर्चा निखत ही उठा रही थी। उसकी सैलरी से बस उसका लोन का पैसा कटता था, जो उसने घर बनवाने के लिए लिया था। इसके अलावा 1 रुपया भी जेल अधीक्षक के अकाउंट से नहीं निकाला गया।

जेल अधीक्षक को एंटी करप्शन कोर्ट लखनऊ में पेश किया गया था
जेल अधीक्षक अशोक सागर की गिरफ्तारी के बाद उसके घर की तलाशी में उसके पास से एक गाड़ी और 4 लाख रुपए मिले थे। इन पैसों को अशोक सागर ने अपने किचन में बनी एक अलमारी में रखा था। इन पैसों और गाड़ी का ब्योरा भी अशोक सागर नहीं दे पाया था। इसके बाद उसे एंटी करप्शन कोर्ट लखनऊ में पेश किया गया। यहां से अशोक सागर को लखनऊ जेल में बंद कर दिया गया।

निखत जेल अधीक्षक की फैमिली को बाहर घूमने जाने के लिए भी भेजा करती थी
जेल अधीक्षक ने ये कबूला था कि निखत और अब्बास अंसारी के पैसों से उसने एक कार ली थी। साथ ही, निखत अंसारी उसके घर का सारा खर्चा चला रही थी। वो उसके घर पर खाने-पीने के सामान से लेकर ज्वेलरी-कपड़े सब भेजा करती थी। यहां तक कि वो उसको और फैमिली को बाहर घूमने जाने के लिए भी भेजा करती थी। सबका खर्चा वही उठाती थी। उसकी पत्नी के लिए भी महंगे गिफ्ट भिजवाया करती थी।

इतना ही नहीं, निखत ने जेलर संतोष कुमार और वार्डन जगमोहन को भी पति से मिलाने के नाम पर पैसे और कई तरह के गिफ्ट दिए। निखत-अब्बास की मुलाकात कराने में डिप्टी जेलर चंद्रकला का भी हाथ था। इसके पास से भी घूस के 5 लाख 80 हजार रुपए, 2 मोबाइल फोन और एक कार बरामद हुई है।