1200 रूपये सीधे अभिभावक के खाते में जायेंगेः मुख्यमंत्री योगी

Lucknow
  • मुख्यमंत्री ने प्रति विद्यार्थी 1200 रु0 की धनराशि उनके अभिभावकों के बैंक खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरण प्रक्रिया का शुभारम्भ किया
  • मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 09 विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं ग्राम प्रधानों को स्वच्छ विद्यालय प्रमाणपत्र वितरित किये
(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा परिषद (कक्षा 01 से 08 तक) विद्यालयों में अध्ययनरत 1.91 करोड़ विद्यार्थियों को ड्रेस, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा एवं स्टेशनरी क्रय हेतु प्रति विद्यार्थी 1200 रुपये की धनराशि उनके अभिभावकों के बैंक खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरण प्रक्रिया का शुभारम्भ किया।
 इस अवसर पर मुख्यमंत्री  ने भारत सरकार द्वारा घोषित ‘राष्ट्रीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार’ हेतु चयनित प्रदेश के 09 विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं ग्राम प्रधानों को स्वच्छ विद्यालय प्रमाणपत्र वितरित किये। विद्यालय विकास हेतु समुदाय से प्राप्त की जाने वाली सहायताओं के नियमन हेतु ‘कायाकल्प विद्यांजलि पोर्टल’ का शुभारम्भ किया। आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका का विमोचन एवं शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। 05 शिक्षकों को गणित किट वितरित किये। ‘लर्निंग एट होम’ को बढ़ावा दिए जाने हेतु विद्यार्थियों द्वारा मुख्यमंत्री जी के समक्ष दीक्षा ऐप के माध्यम से क्यू0आर0 कोड स्कैन किया गया। मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश को निपुण राज्य के रूप में विकसित करने के लिए समस्त हितधारकों को ‘निपुण भारत मिशन’ की शपथ दिलायी।
मुख्यमंत्री  ने प्रदेश में 1.91 लाख विद्यार्थियों को ड्रेस, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा एवं स्टेशनरी क्रय हेतु प्रति विद्यार्थी 1200 रुपये की धनराशि के अन्तरण के लिए बेसिक शिक्षा परिषद को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को एक समय सीमा में आगे बढ़ाया गया। साथ ही, इस अभियान को तकनीकी के साथ जोड़कर प्रदेश के सभी बच्चांे को स्कूली शिक्षा से जोड़ने के अभियान को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2022 के प्रथम सप्ताह में प्रदेश में ‘स्कूल चलो अभियान’ चलाया गया था। इस अवसर पर उन्हंे (मुख्यमंत्री जी) आकांक्षी जनपद श्रावस्ती में जाने का अवसर मिला था। ‘स्कूल चलो अभियान’ के अच्छे परिणाम आये हैं।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी ने एक जिम्मेदारी पूरे देशवासियों को सौंपी है कि आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के साथ अमृत काल तथा देश की आजादी के शताब्दी महोत्सव की तैयारी के साथ जुड़ें। आजादी की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर हमारा भारत, हमारा प्रदेश, जनपद, विकास खण्ड, ग्राम, ग्राम पंचायतें तथा बेसिक शिक्षा परिषद की कैसी स्थिति होनी चाहिए, इस परिकल्पना को साकार करने का एक अवसर आजादी का अमृत महोत्सव हम सबके सामने प्रस्तुत कर रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पूर्वोत्तर भारत में सबसे अधिक शिक्षक देने वाला राज्य है। एक समय उत्तर प्रदेश राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश व अन्य राज्यों में बेसिक शिक्षा परिषद व अन्य माध्यम के स्कूलों में शिक्षक देने वाला राज्य था। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि विगत 05 वर्षों में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों की प्रगति संतोषजनक है। इसमें और अच्छा किये जाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री जी ने सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे इस बात का प्रयास करें कि सभी बच्चों को यूनिफॉर्म समय से प्राप्त हो जाए। सभी बच्चे यूनिफॉर्म एवं निर्धारित जूता-मोजा पहनकर स्कूल आएं। सर्दियों में बच्चे स्वेटर पहनकर स्कूल पहंुचे। उन्होंने कहा कि 5वीं और 8वीं कक्षा पास विद्यार्थियों के पास अगर पुस्तकें सही हालत में हों, तो उसे स्कूल के बुक बैंक में जमा करवाने का कार्य करें, जिससे वह जरूरतमंद विद्यार्थियों को दी जा सकें। यह बच्चों के प्रति उपकार होगा। बच्चे जीवनभर इस ऋण के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करेंगे। उन्होंने कहा कि जीवन मंे अपने द्वारा रोपे गए पौधे से फल प्राप्त करेंगे, तब उससे ज्यादा आत्मसंतुष्टि और कुछ नहीं होगी। यही व्यक्ति की जीवन सिद्धि है। इस सिद्धि के लिए सभी को तपना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में अभी से तैयारी करनी होगी। यह नीति भारत को दुनिया का सिरमौर बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री जी के विजन ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ बनाने की दिशा का एक हिस्सा है।

इस अवसर पर महिला कल्याण मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्या, उच्च शिक्षा मंत्री  योगेन्द्र उपाध्याय, माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती गुलाब देवी, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा  दीपक कुमार, सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती अनामिका सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।