हाईकोर्ट में आज फिर होगी सुनवाई, स्कूल-कॉलेजों में धार्मिक ड्रेस कोड पर आ सकता है फैसला

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(www.arya-tv.com) कर्नाटक हिजाब मामले में 14 फरवरी यानी सोमवार को हाईकोर्ट में दोबारा सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान स्कूल-कॉलेजों में धार्मिक ड्रेस कोड को लेकर कोर्ट अपना फैसला सूना सकती है। इससे पहले 10 फरवरी को हुई सुनवाई में कोर्ट ने अगले आदेश तक स्कूल-कॉलेजों में हिजाब समेत अन्य धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगाया था। साथ ही हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेजों को खोलने के आदेश दिए थे।

कॉलेजों की स्थिति के संबंध में रिपोर्ट मांगी
हिजाब विवाद के बाद राज्य में आज से 9वीं और 10वीं के स्कूल खुल जाएंगे। सीएम बसवराज बोम्मई ने भरोसा जताया है कि राज्य में हालात फिर से सामान्य हो जाएंगे और शांति के साथ छात्र पढ़ाई कर सकेंगे। इस मामले में उन्होंने शिक्षा मंत्री बीसी नागेश से स्कूल और कॉलेजों की स्थिति के संबंध में रिपोर्ट मांगी है।

वहीं, उडुपी जिला प्रशासन ने सभी हाई स्कूलों के आसपास के इलाकों में सोमवार से लेकर 19 फरवरी तक धारा 144 लागू कर दी है। आदेश के अनुसार, स्कूलों के इस दायरे के भीतर पांच या इससे अधिक लोगों के एकत्रित होने, प्रदर्शन, रैलियों, नारेबाजी, भाषण देने पर सख्त पाबंदी रहेगी।

 महिलाओं को घर में कैद करने की साजिश
कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बीच राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने हिजाब को मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित करने का तरीका और घरों में कैद करने की साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि अरब देशों में एक समय था, जब लोग बच्चियों के जन्म लेते ही उन्हें जमीन में दफन कर देते थे। फिर इस्लाम ने इसे बंद कर दिया, लेकिन वहां यह मानसिकता आज 21वीं सदी में भी कायम है। पहले उन लोगों ने तीन तलाक का आविष्कार किया, फिर हिजाब और फिर मुस्लिम महिलाओं का प्रताड़ित करते रहने के लिए अन्य तरीके ईजाद कर लिए।

हिजाब का मतलब इस्लाम में ‘पर्दा

हिजाब विवाद पर कर्नाटक के हुबली में कांग्रेस नेता जमीर अहमद ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हिजाब का मतलब इस्लाम में ‘पर्दा’ होता है। औरतों की खूबसूरती को छिपाने के लिए उन्‍हें पर्दे में रखा जाता है। रेप रेट्स सबसे ज्यादा हिंदुस्तान में है। इसकी वजह क्या है? उन्होंने कहा कि रेप होने की वजह औरतों को पर्दे में नहीं रखा जाना है।

उडुपी से ही शुरू हुआ था विवाद
कर्नाटक में हिजाब विवाद उडुपी के ही एक सरकारी कॉलेज से शुरू हुआ था, जहां मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर आने से रोका गया था। स्कूल मैनेजमेंट ने इसे यूनिफॉर्म कोड के खिलाफ बताया था। इसके बाद अन्य शहरों में भी यह विवाद फैल गया।

मुस्लिम लड़कियां इसका विरोध कर रही हैं, जिसके खिलाफ हिंदू संगठनों से जुड़े युवकों ने भी भगवा शॉल पहनकर जवाबी विरोध शुरू कर दिया था। एक कॉलेज में यह विरोध हिंसक झड़प में बदल गया था, जहां पुलिस को सिचुएशन कंट्रोल करने के लिए टियर गैस छोड़नी पड़ी थी।