यूक्रेन को नाटो में शामिल न करने की मांग नामंजूर; रूस-यूरोप गैस पाइपलाइन रोकने की चेतावनी

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(www.arya-tv.com)रूस-यूक्रेन में जारी तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के 27 डिप्लोमैट्स को देश छोड़ने का आदेश दिया है। वॉशिंगटन से यह आदेश जारी करने के अलावा बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं करने की रूसी मांग भी खारिज कर दी है।

बाइडेन ने यूक्रेन पर हमले की स्थिति में रूस को कड़े परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी है। बाइडेन ने कहा कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, ताे वे रूस की 85 हजार करोड़ रुपए की ‘नॉर्ड स्ट्रीम 2’ गैस पाइपलाइन को रोक देंगे। रूस की इस पाइपलाइन से यूरोप को प्राकृतिक गैस सप्लाई करने की योजना है।

जर्मनी ने अमेरिका का समर्थन किया
खास बात यह है कि अब तक नाटो से छिटकने की अटकलें झेल रहे जर्मनी ने भी अमेरिका का समर्थन किया है। उधर, रूस और यूक्रेन ने दोनों देशों की सीमा पर सीजफायर के लिए पेरिस वार्ता जारी रखने की घोषणा की है

क्या है रूस-यूक्रेन विवाद 
यूक्रेन के पश्चिम में यूरोप है और पूर्व में रूस। 1991 में सोवियत संघ से अलग होने के बाद से ही इस देश का झुकाव पश्चिम की तरफ रहा है। पूरब के पड़ोसी रूस को ये बर्दाश्त नहीं है और वो इसे अपने प्रभाव के दायरे में लेने की कोशिश करता रहा है।

रूस को लगता है कि पश्चिम यूरोप की तरफ झुका यूक्रेन उसके सुरक्षा और सामरिक हितों के लिए खतरा है। यूं तो तनाव हमेशा से रहा है, लेकिन हाल के महीनों में ये युद्ध के मुहाने तक पहुंच गया है और दुनिया में तीसरा विश्वयुद्ध होने का खतरा मंडराने लगा है।

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रूस के बाद यूरोप के दूसरे सबसे बड़े देश यूक्रेन पर युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देश रूस और यूक्रेन के बीच टकराव को टालने की कोशिशें कर रहे हैं। दिन-रात राजनयिक बैठकें हो रही हैं, लेकिन यूक्रेन सीमा के पास खड़ी एक लाख से अधिक की रूसी फौज ने सिर्फ यूरोप और अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया की सांसें अटका रखी हैं।