भारत की सड़कों पर चलना संभल संभल कर, वाहन चालकों से ज्यादा राहगीर खतरे में

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(www.arya-tv.com)दिल्ली. भारत की सड़कें वाहन चालकों से ज्यादा पैदल राहगीरों के लिए खतरनाक हैं. रिपोर्ट कहती हैं कि भारत में एक साल में 29 हजार से ज्यादा पैदल लोग मारे गए. जबकि 60 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए. इसलिए चलना संभल संभल कर.

संयुक्त राष्ट्र के 7 वें वर्ल्ड सड़क सुरक्षा सप्ताह में वॉश लिमिटेड की ओर से ये रिपोर्ट पेश की गयी. उसमें ये आंकड़े सामने आए जो चौंकाने वाले हैं. रिपोर्ट कहती है कि भारत में पैदल चलना यानि दुर्घटना को निमंत्रण देना है. वाहन चालक फिर भी बच जाएं लेकिन पैदल लोगों का बचना मुश्किल है. सड़क किनारे चलने वाले 99 फीसदी लोगों को जान का खतरा बना रहता है.

दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें भारत में
विश्व बैंक की रिपोर्ट बताती है कि रोड एक्सीडेंट के मामलों में भारत में सबसे ज्यादा लोगों की मौत होती है. भारत में 91 फीसदी एक्सीडेंट इंसान की गलती की वजह से होते हैं. रोड एक्सीडेंट सैंपलिंग सिस्टम ने करीब 6 हजार केस स्टडी कीं. इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के काऱण 63 फीसदी और गाड़ी में गड़बड़ी के काऱण 44 फीसदी एक्सीडेंट होते हैं. भारत में पूरी दुनिया के सिर्फ 1 फीसदी वाहन हैं लेकिन रोड एक्सीडेंट में मौत के मामले में 11 फीसदी भारत में होते हैं.

चौंकाने वाले आंकड़े
संयुक्त राष्ट्र के 7 वें वर्ल्ड सड़क सुरक्षा सप्ताह में टेक वॉश लिमिटेड कंपनी की ओर से पेश रिपोर्ट सिहरन पैदा करने वाली है.जो रिपोर्ट पेश की गयी उसका नाम था-इंडियन पेडेस्ट्रियन बिहेवियर. इसके आंकड़े चौंकाने वाले हैं. इसमें सड़क सुरक्षा में सुधार करने के उपायों की मांग की गयी है.

डेढ़ लाख लोगों की मौत
रिपोर्ट कहती है भारत में सिर्फ एक साल में 29 हजार लोग पैदल चलते मारे गए. जबकि 60 हजार से ज्यादा दुर्घटना में घायल हो गए. भारत में इस अवधि में यूरोप और जापान से ज्यादा मौतें हुईं. इस दौरान कुल सड़क हादसों में डेढ़ लाख लोग मारे गए.

पैदल यात्रियों का ध्यान रखें
टेक कंपनी वॉश लिमिटेड की रिपोर्ट में भारत में पैदल यात्रियों की सुरक्षा की मांग की गयी. अधिकारियों और नीति बनाने वाले लोगों का इस ओर ध्यान खींचा गया कि वो पैदल चलने वाले यात्रियों को ध्यान में रखकर नीति बनाएं. इसी के साथ बेहतर बुनियादी ढांचा हो और पैदल यात्रियों के लिए अलग से जागरुकता अभियान चलाया जाए. रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया कि सबके साझा प्रयास से ही पैदल यात्रियों को बचाया जा सकता है.

ये है वजह
वॉश कंपनी की रिपोर्ट बताती है इन दुर्घटनाओं की वजह ये है कि भारत में पैदल यात्री वाहनों को रास्ता देने के लिए बीच सड़क में रुक जाते हैं या फिर हड़बड़ा का इधर उधर होते हैं. इससे दुर्घटना हो जाती है. जबकि अन्य देशों में पैदल यात्रियों को रास्ता देने के लिए गाड़ी चालक रुक जाते हैं. ये भी हैरान कर देने वाली बात है कि शहर के हैवी ट्रैफिक वाले इलाकों के बजाए ग्रामीण इलाकों में ऐसी दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं. और रात के बजाए दिन में हादसे ज्यादा होते हैं.

पैदल यात्री क्या करें
1-पैदल यात्री जेब्रा क्रासिंग, क्रॉसिंग या फुट ओवर ब्रिज का इस्तेमाल करें.
2-सड़क क्रॉस करने से पहले दायें बायें दोनों तरफ देख लें
3-पैदल यात्री अनजान जगहों या बिना क्रॉसिंग वाली सड़क पर रोड क्रॉस न करें.
4-बच्चों को सड़क सुरक्षा नियम के बारे में जानकारी दें.
5-सड़क पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें.
6- सड़क पर गाने सुनते हुए न चलें.
7-ट्रैफिक पुलिस की बात मानें.ट्रैफिक नियमों का पालन करें.