बिजलीघरों में उत्पादन घटने से पुरे प्रदेश में बिजली की आपात कटौती

UP

प्रदेश के बिजलीघरों का उत्पादन घटने से बिजली की जबरदस्त किल्लत हो गई है। पावर ग्रिड कार्पोरेशन की 765 केवी आगरा-झटीकारा ट्रांसमिशन लाइन के तकनीकी कारणों से बंद होने की वजह से एनर्जी एक्सचेंज से खरीदी गई बिजली भी पश्चिमी क्षेत्र से उत्तरी क्षेत्र पहुंचने में रुकावट आ रही है।

एकाएक पैदा हुए बिजली संकट को लेकर पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को पत्र भेजकर बिजली आपूर्ति की स्थिति पर नजर रखने और स्थानीय स्तर पर सांसदों व विधायकों को भी इससे अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश में इस समय बिजली की मांग 21 हजार मेगावाट से ऊपर चल रही है जबकि उपलब्धता 19,500 मेगावाट के आसपास है। बिजली की कमी के चलते 1 सितंबर से ग्रामीण क्षेत्रों, तहसील व जिला मुख्यालयों को तय शिड्यूल से कम बिजली आपूर्ति हो रही है।
मांग के मुताबिक उपलब्धता न होने से जिला मुख्यालयों से लेकर गांवों तक औसतन एक से दो घंटे की आपात कटौती जा रही है। पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष आलोक कुमार के मुताबिक बीते 10 दिन से प्रदेश की कई बिजली उत्पादन इकाइयों के बंद होने के कारण आकस्मिक कटौती की स्थिति बनी है।

बिजली की ज्यादा कमी होने पर अधिक लाइन हानियों वाले क्षेत्रों में पहले कटौती की जा रही है। आलोक कुमार के अनुसार उत्पादन इकाइयों के बंद होने व पश्चिमी क्षेत्र से खरीदी गई बिजली के प्रदेश में न आ पाने की वजह से पीक आवर्स में 1000-1200 मेगावाट तक आपात कटौती करनी पड़ रही है।