अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा सहायता पर रोक लगाने का ट्रंप का जनवरी 2018 का आदेश अब भी लागू है। ताजा फैसले से पाकिस्तान में एफ-16 लड़ाकू विमानों के इस्तेमाल पर चौबीसों घंटे नजर रखने में मदद मिलेगी क्योंकि इसके तहत एफ-16 कार्यक्रम पर नजर रखने में मदद करने के लिए वहां 60 ठेकेदार प्रतिनिधियों की आवश्यकता होगी।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘सुरक्षा सहायता पर रोक लगाने के ट्रंप के जनवरी 2018 के आदेश में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जैसा कि राष्ट्रपति ने इस हफ्ते दोहराया था, हम हमारे संबंधों के व्यापक स्वरूप के अनुरूप कुछ सुरक्षा सहायता कार्यक्रम बहाल करने पर विचार कर रहे हैं।’ उन्होंने शुक्रवार को पेंटागन द्वारा इस संबंध में भेजी गई अधिसूचना का जिक्र किया।
प्रवक्ता ने कहा, ‘इस प्रस्तावित बिक्री से इस्तेमाल की चौबीसों घंटे निगरानी रखने वाले अमेरिकी कर्मियों की लगातार मौजूदगी के जरिए अमेरिकी प्रौद्योगिकी की रक्षा होगी जिससे अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।’ रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘विदेश मंत्रालय ने एफ-16 कार्यक्रम को सहयोग करने के लिए तकनीकी सुरक्षा दल (टीएसटी) के लिए पाकिस्तान को 670 करोड़ रुपये की अनुमानित कीमत की संभावित विदेश सैन्य बिक्री की मंजूरी देने का निर्णय लिया है।’
पेंटागन ने शुक्रवार को इस संभावित बिक्री के बारे में कांग्रेस को सूचित करते हुए आवश्यक प्रमाण पत्र दिया। बयान के अनुसार पाकिस्तान ने तकनीकी सहायता सेवाओं जिसमें सरकार और तकनीकी ठेकेदार और रसद समर्थन सेवाओं और पाकिस्तान के शांति अभियान को जारी रखने के लिए अमेरिकी कर्मियों की मौजूदगी वाली सहायता को जारी रखने का अनुरोध किया था।