तंबाकू के अलावां इन कारणों से भी हो सकता है गले का कैंसर

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कैंसर की बीमारी आजकल बहुत तेजी से फैल रही है। आपको लगता होगा कि केवल धूम्रपान करने वालों को ही गले का कैंसर हो सकता है लेकिन जो तंबाकू का सेवन किसी तरह भी नहीं करते उन्हें भी ये रोग हो सकता है। तो आइए जाने कैसे हमारे शरीर को प्रभावित करता है गले व सिर का कैंसर।

कैसे होता है गले व सिर का कैंसर
गले के कैंसर के लिए मुख्य रूप से लोगों की गलत जीवनशैली जिम्मेदार होती है। तंबाकू का सेवन करने वाले करीब अस्सी प्रतिशत लोगों में गर्दन से जुड़ा कैंसर हो जाता है। जिसके लिए तंबाकू में मौजूद टार जिम्मेदार होता है। तंबाकू के साथ ही जो लोग एल्कोहल का सेवन करते हैं उनमें करीब 38 फीसदी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि इससे म्यूकोसल इंजरी का खतरा बढ़ता है। कुछ वायरस जैसे एचपीवी, एचआईवी, ईबीवी और हर्पीस भी गले के कैंसर का कारण बनते हैं।
क्या है लक्षण
गले के कैंसर के केवल 12 फीसदी मामले ही शुरूआती चरण में पता चल पाते हैं। अगर कैंसर की बीमारी का पहले ही स्तर में पता चल जाए तो उचित इलाज संभव है। अगर किसी को गले का कैंसर है तो उसकी आवाज प्रभावित होना शुरू हो जाती हैं। भोजन निगलने में परेशानी होने लगती हैं। मुंह में सूजन और खून आने लगता है इसके साथ ही कभी-कभी गर्दन में गांठ दिखाई देने लगती है।
गले का कैंसर जानलेवा नहीं
सिर और गले के कैंसर के उपचार के लिए बहुत सारी नई तकनीकों का उपयोग किया जाता है जिससे मरीज की जान तो बच जाती है। लेकिन चेहरा बिगड़ने या आवाज चले जाने की संभावना रहती है। बहुत बार मरीज को भोजन निगलने में परेशानी होती है जिसके समाधान के लिए रिहेबिलिटेशन करना पड़ता है और मरीज की खाने, चबाने और बात करने में मदद की जाती है।