क्या नौसैनिकों की फांसी पर लगेगी रोक? विदेश मंत्री जयशंकर ने अधिकारियों के परिवारवालों से की मुलाकात

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(www.arya-tv.com) कतर की एक अदालत की ओर से भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा को लेकर देशभर में बहस हो रही है। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इन नेवी कर्मियों के परिजनों से मुलाकात की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

विदेश मंत्री की तरफ से मुलाकात के बाद परिजनों के साथ देश के लोगों को इन लोगों की रिहाई की उम्मीद जगी है। इससे पहले सरकार की तरफ से कहा गया था कि हमें अभी फैसले की कॉपी नहीं मिली है। सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि भारत फैसले के खिलाफ अदालत में अपील करने समेत विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है।

परिजनों से मुलाकात के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट में लिखा, आज सुबह कतर में हिरासत में लिए गए 8 भारतीयों के परिवारों से मुलाकात की। इस बात पर जोर दिया कि सरकार इस मामले को सर्वोच्च महत्व देती है।

उन्होंने आगे लिखा कि परिवारों की चिंताओं और दर्द को पूरी तरह से साझा करें। विदेश मंत्री ने रेखांकित किया कि सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करना जारी रखेगी। उस संबंध में परिवारों के साथ निकटता से समन्वय करेंगे।

इस मामले में अदालत के फैसले पर कतर की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि फैसले की गहन जांच के बाद भारत अपने विकल्पों पर आगे बढ़ेगा। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि भारत मामले को कूटनीतिक या राजनीतिक तौर पर भी सुलझाने पर विचार कर सकता है।

भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को कतर की अदालत की ओर से 26 अक्टूबर को मौत की सजा सुनाए गई थी। इस पर भारत ने कहा था कि वह इस फैसले से बेहद हैरान है। साथ ही इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है। ये सभी आठ भारतीय नागरिक अल दाहरा कंपनी के कर्मचारी हैं। इन्हें पिछले साल जासूसी के कथित मामले में हिरासत में ले लिया गया था।