कमलेश तिवारी हत्याकांड…बेटे को 4 साल बाद भी नौकरी नहीं

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com)  “18 अक्टूबर 2019…करवाचौथ के बाद की अगली सुबह। मैं कमरे में लेटी थी। तिवारी जी बाहर के कमरे में पार्टी से जुड़ा कामकाज देख रहे थे। दोपहर 2 बजे दो लोग भगवा कुर्ता पहने तिवारी जी से मिलने आए। उनके हाथ में मिठाई का डिब्बा था, दोनों ने पैर छुए। तिवारी जी ने आशीर्वाद दिया। फिर बात करते-करते दोनों ने मिठाई का डिब्बा खोला, उसमें मिठाई की जगह चाकू और पिस्टल थी।”

“तिवारी जी कुछ बोल पाते उसके पहले ही एक आदमी ने गले पर चाकू मार दिया। एक के बाद एक 15 वार किए। फिर पिस्टल से गोली मार दी। मैं भागकर वहां पहुंची, तो तिवारी जी की खून से सनी लाश पड़ी थी।”

ये शब्द हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष रहे कमलेश तिवारी की पत्नी किरन तिवारी के हैं।

हत्यारे भगवा कुर्ता पहनकर मिलने पहुंचे
कमलेश तिवारी का असली नाम लक्ष्मीकांत तिवारी था। कट्टर हिंदुत्व की विचारधारा को फॉलो करते हुए उन्होंने सीतापुर में मुस्लिम भारत छोड़ो आंदोलन चलाया था। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जेल से छूटने के बाद वह हिंदू महासभा में शामिल हो गए।

दिसंबर, 2015 में उन्होंने पैगंबर मोहम्मद को लेकर विवादित बयान दिया था। इसके बाद पूरे देश में जमकर हंगामा हुआ। पश्चिम बंगाल के कालियाचक में तो 2.5 लाख मुस्लिमों ने उनके खिलाफ विरोध रैली निकाली और पुलिस थाने पर हमला कर दिया। 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हिंदू समाज पार्टी का गठन कर लिया। उसके बाद वह अपनी ही पार्टी के विस्तार में लग गए।

हत्या वाले दिन वह रोज की तरह लखनऊ के खुर्शेदबाग स्थित मकान में बैठे थे। सरकार ने जो सुरक्षा दी थी, वह हटा ली थी। कुछ लोग मिलने के लिए आने वाले थे। दोपहर 2 बजे गुजरात के सूरत से अशफाक और मोइनुद्दीन भगवा कुर्ता और हाथ में मिठाई का डिब्बा लेकर कमलेश तिवारी के घर पहुंचे।

कमलेश ने पहले फ्लोर से आवाज दी कि ऊपर आ जाइए। दोनों ऊपर पहुंचे। उस वक्त कमलेश ने अपने सहायक से नीचे कुछ सामान लाने को भेजा। तभी दोनों ने मिठाई का डिब्बा खोला और उसमें रखे चाकू निकालकर हमला कर दिया।

सुरक्षा घटी, जो घर मिला उसके लिए घूस देना पड़ा
हम कमलेश तिवारी के घर पहुंचे, तो बाहर धीरज कुमार नाम के सिपाही बैठे मिले। हमने अपना परिचय बताया। उन्होंने बैग की तलाशी ली और फिर हम ऊपरी फ्लोर पर कमलेश की पत्नी किरन तिवारी के पास पहुंचे। हमने पूछा कि पहले और अब की सुरक्षा में क्या बदलाव है?

किरन ने बताया, “पहले से सुरक्षा घट गई है। पहले यहां 5 लोग होते थे, अब तीन लोग ही रहते हैं। बड़े बेटे को गनर मिला था, लेकिन बाद में उसे हटा लिया गया। मैंने यहां सुरक्षा के लिए कई बार पुलिस लाइन फोन किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।”

सीएम योगी 5 लाख रुपए दे रहे थे
कमलेश की हत्‍या के बाद पूरे लखनऊ में बवाल बढ़ता जा रहा था। इसी बीच परिवार ने कमलेश का शव सामने रखकर घर के 2 सदस्यों के लिए नौकरी की मांग की। किरन ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद यहां नहीं आएंगे वह अपने पति का दाह संस्कार नहीं करवाएंगी। किरन ने ये भी कहा कि अगर यूपी सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो वह खुद आत्मदाह कर लेंगी। हालांकि, बाद में योगी ने उनसे मिलने का समय दिया।

 किरन बताती हैं, “सीएम ने हरसंभव मदद की बात कही थी। वह 5 लाख रुपए देने की बात कह रहे थे। हमारे साइड से गए लोगों ने मना कर दिया। इसके बाद हमें 15 लाख रुपए मिले। इसी 15 लाख से हम केस लड़ रहे हैं। बच्चों को पढ़ा रहे हैं। 4 साल बीत गए इसके अतिरिक्त हमें कुछ भी नहीं मिला।”