यात्रा की मिन्नत कर रहे मोहम्मद मुइज्जू को क्यों भाव नहीं दे रहा है भारत, जान लीजिए इनसाइड स्टोरी

# ## National

(www.arya-tv.com) लक्षद्वीप मुद्दे पर मालदीव के मंत्रियों के बयान ने भारत और माले के बीच रिश्तों में गांठ ला दी है। उधर, मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) ने नई दिल्ली को चिढ़ाने के लिए भारत से पहले चीन के दौरे पर निकल गए।

माले की हरकतों से नई दिल्ली भी सतर्क हो गया। उधर, भारत की सख्ती के बाद मालदीव ने अपने राष्ट्रपति के भारत दौरे का प्रस्ताव दे दिया। लेकिन माले की हालिया हरकतों के बाद भारत भी अब उसे ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नहीं है।

जल्दीबाजी के मूड में नहीं भारत

राजनयिक सूत्रों ने बताया कि भारत को मुइज्जू की यात्रा को लेकर अब कोई जल्दी नहीं है। भारत मालदीव के राष्ट्रपति की अगवानी के लिए सही समय का इंतजार करेगा। मालदीव और नई दिल्ली के राजनयिक सूत्रों ने बताया कि माले ने मुइज्जू की पिछले साल नवंबर में भारत यात्रा की संभावना को लेकर बातचीत की थी।

लेकिन दोनों पक्ष मुइज्जू की यात्रा की लेकर कोई तारीख तय करते उससे पहले ही मालदीव के राष्ट्रपति ने तुर्किये की यात्रा करने का प्लान बना लिया। मालदीव के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उन्होंने पहली यात्रा भारत की न करके तुर्किये का किया जो मालदीव की प्रथा के विपरित था। आम तौर पर मालदीव में कोई भी नई सरकार चुनी जाती है तो उसका मुखिया सबसे पहले भारत की यात्रा करता रहा है।

मुइज्जू ने भारत को दिया धोखा!

उधर, मुइज्जू की यात्रा को लेकर भारत से बातचीत चल ही रही थी कि मालदीव के राष्ट्रपति ने आनन-फानन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया। उनकी इस हरकत के बाद भारत ने भी अपना रुख कड़ा कर लिया और उनकी भारत यात्रा का मुहूर्त बिगड़ गया। भारत ने भी इसके बाद साफ कर दिया कि वह मुइज्जू की अगवानी नहीं करना चाहता है।

एक राजनयिक सूत्र ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि भारत ने मुइज्जू की प्रस्तावित यात्रा पर प्रतिक्रिया में देरी नहीं की। सम्मेलन के लिए तारीख तय करनी होती है और इसके लिए आपको वक्त चाहिए होता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने मुइज्जू के साथ दुबई में COP-28 में द्विपक्षीय बातचीत की थी।

तो खुशनुमा नहीं रहे रिश्ते?

हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने सबसे पहले बताया था कि मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने चीन यात्रा का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। मुइज्जू का चीन दौरा 12 जनवरी को खत्म होने वाला है। भारत के लिए भी ये जरूरी है कि मुइज्जू की यात्रा सही वातावरण में हो।

दुबई में भी मुइज्जू की पीएम मोदी के साथ बैठक खुशनुमा नहीं रही थी। मुइज्जू मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी पर अड़े हुए थे। बाद में मालदीव लौटने पर उन्होंने कहा कि भारत माले से अपने सैनिक हटाने पर सहमत हो गया है। जबकि भारत का कहना था कि दोनों पक्ष इस मामले के समाधान की कोशिश में जुटे हैं।