नई संसद में अखंड भारत के नक्शे ने क्यों बढ़ा दी पड़ोसी देशों की चिंता, नेपाल के साथ पाकिस्तान भी भड़का

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(www.arya-tv.com) जिस वक्त नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भारत का दौरा कर रहे थे. उसी वक्त नए संसद भवन में लगाए गए ‘अखंड भारत’ की एक तस्वीर को लेकर नेपाल में विवाद खड़ा हो गया. दरअसल हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया है. इस भवन में एक भित्ति चित्र है जिसे ‘अखंड भारत’ का नक्शा बताया गया है.

इस भित्ति चित्र में गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी और कपिलवस्तु को भी भारत के हिस्से के रूप में दिखाया गया है जबकि  लुंबिनी को पड़ोसी देश नेपाल दशकों से नेपाली नक़्शे में एक बड़े सांस्कृतिक केंद्र के रूप में दिखाता रहा है. चित्र में तक्षशिला सहित विभिन्न राज्य और शहर शामिल हैं, जो मौजूदा दौर में पाकिस्तान में हैं लेकिन प्राचीन भारत का हिस्सा थे.

भारत के भित्ति चित्र में नेपाल के हिस्से को देखने के बाद वहां के राजनीतिक दल और मुख्य विपक्षी दल भड़क गए हैं. नेपाल के लोगों का कहना है कि भारत के संसद भवन में लगे भित्ति चित्र में गौतम बुद्ध के जन्मस्थल को दिखाना ऐसा लग रहा है मानो भारत नेपाल के इस क्षेत्र पर अपना दावा कर रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अखंड भारत में लुंबिनी कपिलवस्तु का जिक्र क्यों किया गया और क्या इससे भारत-नेपाल के रिश्ते खराब होंगे?

जानें उस लुम्बिनी के बारे में 

उत्तर प्रदेश के ककराहा गांव से 14 मील और नेपाल-भारत सीमा से कुछ दूर पर बना रुमिनोदेई नामक गांव ही लुम्बिनी है, जो गौतम बुद्ध के जन्म स्थान के रूप में प्रसिद्ध है.

लुम्बिनी हिमालय की गोद में बसे देश नेपाल के दक्षिण में स्थित है. यह नेपाल के रुमिनोदेई जिले में है. ये वो जगह है जहां भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. बौद्ध परंपरा के अनुसार इसी स्थान पर रानी महामायादेवी ने 563 ईसापूर्व सिद्धार्थ गौतम को जन्म दिया था.

लुम्बिनी में कई पुरानी मंदिर हैं लेकिन यहां का मायादेवी मंदिर काफी प्रसिद्ध है. इसके साथ ही यहां कई देशों और बौद्ध संगठनों द्वारा बनवाए गए नए बौद्ध मंदिर, स्तूप, स्मारक और मठ भी हैं.