(www.arya-tv.com) मछली खाने वाले लोग तिलापिया के बारे में जानते होंगे। विटामिन बी12 समेत काफी कुछ इससे मिलता है। गंगा-यमुना समेत कई नदियों में यह मछली पाई जाती है। बंगाल से लेकर केरल तक तिलापिया मछली पाली जाती है। लेकिन फिलहाल इस मछली ने एक तरह का खौफ पैदा कर दिया है। दरअसल, जब से लोगों ने यह खबर पढ़ी है कि इस मछली को खाने के बाद एक महिला के दोनों हाथ और पैर काटने पड़े, वे सहम गए हैं।
क्या मछली खाने से कोई साइड इफेक्ट होता है? तिलापिया मछली से क्या कोई संक्रमण फैल रहा है? जैसा उस महिला के साथ हुआ, वैसा हमारे साथ न हो, इसके लिए क्या किया जाए? क्या मछली खाना छोड़ दें? ऐसे कई सवाल लोगों के मन मैं कौंध रहे होंगे। आइए यहां सारी शंकाओं को दूर करते हैं।
क्या करें, क्या ना करें
- जांच में पता चला है कि तिलापिया मछली को ठीक तरह से पकाकर नहीं खाया गया था।
दरअसल, मीट हो या सी-फूड एक्सपर्ट ठीक से पकाकर खाने की सलाह देते हैं। अगर ये आधा पका होगा तो फूड पॉइजनिंग की संभावना ज्यादा रहती है। - अधपका मांस स्टोर करके रखा जाए तो इन्फेक्शन की संभावना भी बढ़ जाती है। यह भी जान लीजिए कि सीफूड को ज्यादा तापमान पर पकाना चाहिए क्योंकि कम टेंपरेचर पर बैक्टीरिया मर नहीं पाते।
- एक्सपर्ट का कहना है कि सी-फूड खरीदते समय भी ध्यान रखना चाहिए कि वह डैमेज न हो। उसे ज्यादा समय तक रखना भी नहीं चाहिए।
- सबसे महत्वपूर्ण बात कच्चे और पके सी-फूड को अलग-अलग रखें जिससे संक्रमण न फैले।
कैलिफोर्निया की 40 साल की एक महिला ने तिलापिया मछली खाई थी। इसके बाद उसकी ऐसी हालत हुई कि दोनों हाथ और पैर काटने पड़े। उसने लोकल मार्केट से मछली खरीदी थी। बात में पता चला कि वह मछली विब्रियो वलनिफीकस नामक बैक्टीरिया से संक्रमित थी। ऐसे सी-फूड को खाने से इन्फेक्शन इंसान में भी फैल जाता है। यही वजह है कि महिला के हाथ-पैर काले पड़ने लगे। वह कोमा में पहुंच गई। किडनी फेल होने वाली थी। इन्फेक्शन से जान न जाए इसलिए महिला के हाथ-पैर काट दिए गए।