भांजे को क्रिकेटर बनाना चाहा तो जीजा ने घर के दरवाजे बंद किए, अब IPL ऑक्शन में रंग लाई मामू की मेहनत

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(www.arya-tv.com) समीर रिजवी के पिता हसीन रिजवी ने अपने साले साहब ताकीब के लिए घर के दरवाजे बंद कर दिए थे. कारण बस यह था कि ताकीब अपने भांजे समीर को क्रिकेट की राह पर ले जा रहे थे. मामू ताकीब खुद भी कभी क्रिकेटर बनना चाहते थे. उनका यह सपना जब पूरा नहीं हुआ तो उन्होंने अपने भांजे समीर को टीम इंडिया की जर्सी में देखने का नया सपना पाल लिया. यह सपना था या जुनून, यह सिर्फ इस बात से पता लगाया जा सकता है कि पिछले 14 साल से ताकीब अपने भांजे के साथ क्रिकेट ग्राउंड पर समय बिता रहे थे. मंगलवार (19 दिसंबर) को उनके इस जुनून का रंग नजर आया.

आईपीएल ऑक्शन में समीर रिजवी को 8.40 करोड़ रुपए मिले. उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स ने इतने महंगे दामों में खरीदा. इस भारी भरकम रकम मिलने के बाद समीर ने एक अखबार से बातचीत करते हुए बताया, ‘मामू हमेशा मेरे साथ रहे. मुझे लगता है कि इन 14 सालों में 14 दिन भी ऐसे नहीं रहे होंगे, जब वह मैदान में मेरे साथ नहीं रहे. उन्हें मुझ पर मुझसे ज्यादा भरोसा था. ऑक्शन के वक्त भी उन्हें मुझे जबरदस्ती बैठाया और बोले कि बैठ और देख.’

‘जीजा हाथ पकड़कर रोने लगे’
ताकीब से जब इस बारे में बात की गई तो वह अपने जीजा के पुराने तानों को सुनाते नजर आए. उन्होंने बताया कि समीर के पिता उन्हें कैसे-कैसे ताने देते थे. ताकीब कहते हैं, ‘जब भी जीजा मुझे देखते तो यही कहते कि मत बिगाड़ उसे, खुद की तरह मत बना, क्रिकेट से क्या मिला तुझे. तब मुझे उनकी बातों का बुरा लगता था लेकिन अब इन बातों को याद कर-कर के हम (मैं और जीता) खूब हंसते हैं. आज वह मेरे हाथ पकड़कर रोए भी. यह हमारे परिवार के लिए बड़ा इमोशनल पल था.’

16 साल की उम्र में रणजी डेब्यू
समीर साल 2019-20 में सुर्खियों में आए थे. तब वह महज 16 साल के थे. इतनी कम उम्र में ही उन्हें फर्स्ट क्लास डेब्यू का मौका मिल गया था. उत्तर प्रदेश के कोच और पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर सुनील जोशी ने समीर की काबिलियत देखते हुए उन्हें मौका दिया था. धीरे-धीरे समीर लाल गेंद की तुलना में सफेद गेंद से खेले जाने वाले क्रिकेट में ज्यादा बेहतर नजर आने लगे. इस साल तो वह लाजवाब ही रहे. उनमें मैच फिनिश करने की जबरदस्त काबिलियत है. वह छक्के जड़ना खूब पसंद करते हैं. घरेलू टी20 मुकाबलों में उनका स्ट्राइक रेट 134.70 और बल्लेबाजी औसत 49.16 का है.