लगातार पांच माह तक बिकती है यह सब्जी, एक एकड़ खेती से एक सीजन में 5 लाख का मुनाफा

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(www.arya-tv.com)  कृषि के क्षेत्र में लगातार तकनीक का समावेशन हो रहा है. इससे खेती का तरीका भी लगातार बदलता जा रहा है. किसान अब तकनीक आधारित नगदी फसल की खेती कर रहे हैं. इससे किसानों का मुनाफा भी ज्यादा हो रहा है.

वैशाली जिले के अफजलपुर गांव में किसान भी अब तकनीक का इस्तेमाल कर पारंपरिक खेती के साथ-साथ कई तरह की फसलों को उगाने में कामयाबी हासिल कर रहे हैं. इसी कड़ी में अफजलपुर के किसान भी अब पारंपरिक खेती के साथ सब्जी की खेती करने लगे हैं. यहां के पटेढ़ी बेलसर प्रखंड अंतर्गत अफजलपुर गांव के किसान ब्रज किशोर ठाकुर 25 कट्ठे में बोरो की खेती कर रहे हैं. इससे उन्हें रोजाना तीन हजार रुपए की कमाई हो रही है.

मुनाफा बढ़ता गया तो बढ़ाते चले गए खेती का दायरा
किसान ब्रजकिशोर ठाकुर बताते हैं कि पटेढ़ी बेलसर प्रखंड के करनेजी गांव के किसानों को बोरों की खेती करते हुए देखा था. इसकी खेती से उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा था. उन्होंने उक्त किसान से बात कर कीऔर उसके बाद अपने गांव आकर 5 कट्ठा से इसकी शुरुआत की. इसमें उन्हें भी अच्छा मुनाफा हुआ. इसके बाद अगले सीजन में15 कट्ठा और फिर अगले सीजन में 25 कट्ठा में बोरो की खेती की. लगातार मुनाफा बढ़ता जा रहा है.

30 रुपए का मिल रहा रेट
किसान ब्रजकिशोर ठाकुर बताते हैं कि बोरो की खेती पांच महीने की है. लगातार पांच महीने तक फलन होने के कारण मुनाफा भी अच्छा हो जाता है.व्यापरी खेत से ही 30 रुपए किलो की दर से खरीद कर ले जाते हैं. वे बताते हैं कि आज से 15 दिन पहले तक मंडी में 35 से 38 रुपए प्रति किलो का रेट मिल रहा था. वे कहते हैं कि जिन किसानों को सब्जी की खेती करनी है, वे बोरो की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. वे बताते हैं कि बोरो की खेती अक्टूबर से शुरू हो जाती है. दिसंबर से फलन की शुरुआत होती है, जो अप्रैल तक चलता है.