सब्जी में तड़का लगाना हुआ महंगा, हरी मिर्च के साथ प्याज ने पकड़ी तेजी, ये है रेट

Bareilly Zone

बरेली (www.arya-tv.com) डेलापीर थोक सब्जी मंडी में इन दिनों हरी सब्जी आस-पास के जिलों व गांवों से आ रही है। जिसके चलते इनके दाम पहले की तुलना में कम हुए हैं। जबकि सब्जी में तड़का लगाने के लिए जरूरी हरी मिर्च व प्याज के दाम में बढ़ोत्तरी हुई है। मंडी के आढ़तियों का मानना है कि यह दोनों चीजें भी लोकल की आना शुरू होते ही इनके भी दाम में कमी आएगी।

डेलापीर थोक सब्जी मंडी में इन दिनों सब्जियों की भरपूर आवक आ रही है। स्थानीय सब्जियों के भी बाजार में आने से परवल एवं भिंडी को छोड़ अधिकांश सब्जियां 30 रुपये प्रतिकिलो से नीचे आ गई थी। केवल बाहर से आने वाली हरी मिर्च, प्याज व लौकी, करेला, परवल, भिंडी की कीमत में इजाफा हुआ है। थोक आढ़ती सलीमा खां ने बताया कि डीजल का दाम बढ़ने से दूसरे प्रदेशों से आने वाली सब्जियां के कीमत पर असर पड़ रहा है। सब्जी की जो गाड़ी पहले 40 हजार में आती थी, अब उसके लिए 45 हजार रुपये तक देने पड़ रहे हैं।

थोक रेट पहले अब फुटकर

आलू – 8 से 10 – 5 से 7 – 10

प्याज – 18 से 20 – 30 से 35 – 40

मटर – 15 से 20 – 10 से 15 – 30

गाजर – 6 से 8 – 10 से 15 – 25

टमाटर – 15 से 20 – 8 से 10 – 20

हरी मिर्च – 35 से 40 – 40 से 45 – 60

गोभी – 8 से 10 – 2 से 3 – 8

बैगन – 6 से 8 – 10 से 15 – 20

लौकी – 8 से 10 – 15 से 20 – 25

तुरई – 10 से 15 – 25 से 35 – 40

करेला – 15 से 20 – 40 से 45 – 60

कटहल – 25 से 30 – 15 से 20 – 30

फुटकर में जैसा मुहल्ला वैसा दाम

जिल में मुहल्लों में फेरी लगाकर सब्जी बेचने वाले मुहल्ले के मुताबिक सब्जी का रेट निर्धारित करते हैं। जितना स्टैंडर्ड मुहल्ला होगा, वैसा ही सब्जी का रेट निर्धारित कर दिया जाता है।

आढ़तियों को कमीशन से मतलब

डेलापीर थोक सब्जी मंडी के आढ़तियों का कहना है कि उन्हें केवल कमीशन से मतलब होता है। किसान से खरीदने के बीच में पूर्व से ही तय कमीशन से उन्हें मतलब होता है।

मंडी में इस समय फूल गोभी लोकल की ज्यादा आने से इसके दाम कम है। जबकि हरी मिर्च बाहर से आने के कारण महंगा है। लोकल मिर्च मार्च के अंतिम सप्ताह में आने से इसके दाम कम हो जाएंगे। – शुजा उर रहमान, अध्यक्ष मिलन फ्रूट एंड वेजिटेबिल एसोसिएशन