ताजमहल की शाही मस्जिद पर बंदरों का कब्जा:​​​​​​​वजुखाने को बना दिया स्विमिंग पूल

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(www.arya-tv.com) मोहब्बत की निशानी ताजमहल पर बंदरों का आतंक बदस्तूर जारी है। शाही मस्जिद के वजू खाने को बंदरों ने स्विमिंग पूल बना दिया है। हजारों की संख्या में बंदरों के चलते पर्यटकों को काफी दिक्कत आ रही है। बंदरों से निजात के लिए जिम्मेदार विभागों के पास कोई उपाय नहीं है।

विश्व के सातवें अजूबों में शुमार शाहजहां और मुमताज के अजीम प्यार की निशानी ताजमहल को देखने आने वाले हजारों पर्यटकों को बंदरों का डर परेशान ककर रहा है। गुरुवार को ताजमहल की शाही मस्जिद में नमाज़ से पहले वजुखाने पर सैकड़ों की संख्या में बंदर पहुंच गए और वजूखाने के पानी में खूब डुबकियां लगाई। पूरे मैदान में हजारों की संख्या में बंदर देखकर पर्यटक और नमाज़ी डर गए। कई पर्यटकों के हाथों से बंदरों ने पानी की बोतलें छीनने का लिए हमला कर दिया।

ताजमहल में बंदरों का आतंक कोई नया नहीं है। सालों से बंदर ताजमहल पर पर्यटकों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वाटर टैंक के पानी में बंदर घूमते हुए दिखाई दे जाते हैं। पानी के नलों पर बंदरों की वजह से पर्यटक भीषण गर्मी में पानी भी नहीं पाते हैं।

पुरातत्व अधीक्षक आर के पटेल ने कहा है कि बंदरों को भगाने के लिए नगर निगम और वन विभाग दोनों से कहा गया है। हमारे द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि ताजमहल के आस पास की दीवारों को ऐसा किया जाए कि बंदर प्रवेश न कर पाएं। आवारा कुत्तों के लिए दोनों गेटों पर कर्मचारियों को नियुक्त किया जा चुका है।

पूरे शहर में है आतंक, बचाव का नहीं कोई उपाय

पशु प्रेमी संस्थाओं के हस्तक्षेप के कारण बंदरों को क्षति नहीं पहुंचाई जा सकती है। आगरा में दस वर्षों में बंदरों की संख्या तीन गुनी से ज्यादा हो गयी है। पूर्व में दो करोड़ की लागत से मथुरा के चुरमुरा स्थित हाथी अस्पताल में बंदरों की नसबंदी की जाना शुरू की गई थी। इसके साथ ही शहर में जगह- जगह पिंजरे लगाए गए थे। बंदरों को पकड़ कर कीठम के जंगलों में छोड़ा जाता था। कीठम गांव में नवजात को बंदर द्वारा घायल करने के बाद ग्रामीणों ने हंगामा किया था और फिर यह व्यवस्था भी ठप्प हो गयी है। आगरा में बंदर लूट, चेन स्नेचिंग, हत्या और हत्या का प्रयास जैसी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।