(www.arya-tv.com) देश की सबसे चर्चित हाई प्रोफाइल सीट वाराणसी पर मुकाबला बेहद दिलचस्प देखा जा रहा है. बीजेपी, इंडिया गठबंधन के बाद अब बहुजन समाज पार्टी ने वाराणसी सीट से चर्चित मुस्लिम चेहरा अतहर जमाल लारी को चुनावी मैदान में उतारा है. पूर्वांचल के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि मुख्तार अंसारी का ही खास आदमी वाराणसी से चुनाव लड़ रहा है. हालांकि बातचीत के दौरान भी बसपा प्रत्याशी ने मुख्तार अंसारी के तारीफों में जमकर कसीदे पढ़े और सीधे तौर पर राज्य सरकार के कार्रवाई पर सवाल उठाया. इससे पहले वह मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं.
अतहर ने अलग-अलग दलों में रहने के बाद भी कभी भी मुख्तार अंसारी का विरोध नहीं किया. इन आधारों पर कहा जा रहा है कि मुख्तार अंसारी का ही करीबी वाराणसी से चुनाव लड़ रहा है. इससे पहले मुख्तार अंसारी ने खुद 2009 लोकसभा चुनाव वाराणसी से लड़ा था जहां बीजेपी के दिग्गज नेता डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी को इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी. वैसे देखना होगा कि बीएसपी के सिंबल पर अतहर जमाल लारी का वाराणसी के चुनावी मैदान में कितना प्रभाव देखने को मिलता है.
कौमी एकता दल पार्टी से भी लड़ा था चुनाव
वाराणसी से बीएसपी के प्रत्याशी अतहर जमाल लारी तकरीबन 4 दशक से राजनीति में सक्रिय है. जनता पार्टी, जनता दल, अपना दल के बाद उन्होंने 2012 यूपी विधानसभा चुनाव में वाराणसी के दक्षिणी से कौमी एकता दल के सिंबल पर चुनाव लड़ा था जिसमें उनकी हार हुई थी. इसके बाद 2013 में मुख्तार अंसारी ने ही अपने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद उन्हें सौंप दिया था. पार्टी को विस्तार देने के लिए वह लगातार पूर्वांचल में कार्य कर रहे थे. इसके बाद 2022 यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान ही उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर लिया और सपा प्रत्याशी को समर्थन दे दिया.
गरीबों के मसीहा थे मुख्तार अंसारी: अतहर जमाल लारी
एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान वाराणसी से बीएसपी के प्रत्याशी अतहर जमाल लारी ने स्पष्ट कहा कि मुख्तार अंसारी मसीहा थे. वह गुंडो के खिलाफ लड़ते थे और गरीबों को सताने वालों का पंजा मरोड़ने का काम करते थे. इसके अलावा उन्होंने वाराणसी सीट पर बड़ा दावा करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी अजय राय की जमानत जप्त होगी. उन्हें पूरी तरह से मुस्लिम और केंद्र सरकार का विरोध करने वाले वर्ग का समर्थन प्राप्त हो रहा है. वह मजबूती से वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे और वही प्रधानमंत्री मोदी को चुनावी मैदान में टक्कर दे रहे हैं.