इटावा।(www.arya-tv.com) यूपी के पुलिस अधिकारियों के चंगुल में फंसे फर्जी आइआरएस सेवा, रॉ और सीबीआइ अधिकारी बनकर ठगी करने वाला गिरोह का पुलिस भंडाफोड़ कर दिया है। शातिर ठगों ने मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म स्पेशल-26 को हकीकत के पर्दे पर उतार दिया। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, इटावा सहित कई जनपदों में लोगों को अपना शिकार बनाकर करोड़ों की ठगी काे अंजाम दे चुके गिरोह के मास्टर माइंट समेत पांच शातिर अपराधी अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। उनके कब्जे से नीली बत्ती लगी इनोवा कार और नौ करोड़ रुपये की चेक समेत दो शस्त्र लाइसेंस और एक राइफल बरामद हुई है।
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एसपी ने बताया कि यह सभी केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के विजिलेंस उपायुक्त के नाम का फर्जी कार्ड बनाकर कभी रॉ तो कभी सीबीआइ ऑफीसर बनकर लोगों के साथ ठगी कर रहे थे। इनके कब्जे से कई फर्जी कागजात, नीले बत्ती लगी इनोवा कार, दो शस्त्र लाइसेंस, एक राइफल, एक पिस्टल और एक देसी तमंचा भी बरामद किया गया है। गिरोह को पकड़ने वाली टीम में सतेंद्र यादव प्रभारी एसओजी, वीके सिंह प्रभारी सर्विलांस, भूपेंद्र सिंह राठी थाना प्रभारी सिविल लाइन, सुबोध सहाय उपनिरीक्षक, संत कुमार उपनिरीक्षक शामिल रहे हैं। एसपी ने बताया कि गैंग का सरगना मनीष कुमार काफी शातिर है।
वह पिछले दो-तीन वर्षों से खुद को आइआरएस, आइपीएस व रॉ का अधिकारी बताकर दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, इटावा सहित कई जनपदों में लोगों के साथ करोड़ों की ठगी कर चुका है। यह गिरोह पहले किसी व्यक्ति के खिलाफ प्रदेश सरकार के जनशिकायत पोर्टल आइजीआरएस पर शिकायत करते थे, इसके बाद खुद ही सरकार की ओर से जांच टीम बनकर उसके घर पहुंच जाते थे। इसके बाद उसपर दबाव बनाकर ठगी का शिकार बनाते और मोटी रकम ऐंठते थे। इटावा एसपी आकाश तोमर ने बताया कि सिविल लाइन पुलिस व एसओजी की टीम वाहन चेकिंग कर रही थी। इस बीच नीली बत्ती लगी इनोवा कार लुहन्ना चौराहे की तरफ से आने की सूचना मिली। बताया गया कि कार में सवार पांच लोग नौकरी के नाम पर ठगी करते हैं। पुलिस टीम ने कार को रोकना चाहा तो शातिर ठग गाड़ी से उतरकर भागने लगे।
इसपर पुलिस ने पीछा करके मनीष कुमार पुत्र रामप्रकाश निवासी ग्राम जगसौरा-जसवंतनगर इटावा, योगेश कुमार पुत्र सतीश कुमार निवासी ग्राम धनौरा जिला अमरोहा, बलवंत कुमार खरवार पुत्र मदन खरवार निवासी तरैंथा थाना भभुआ रामगढ़ जिला मुंगेर बिहार (कार चालक) व दो पत्रकार रामकुमार राजपूत पुत्र छोटे लाल निवासी बीलमपुर इकदिल इटावा और सौरभ चौहान पुत्र देवेंद्र चौहान निवासी विकास कालोनी पक्काबाग थाना इकदिल को गिरफ्तार कर लिया। एसपी ने बताया कि गिरोह का सरगना मनीष सिंडीकेट बैंक का पीओ ऑफीसर था।
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बैंक द्वारा उसे ऋण की धोखाधड़ी में बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद उसने आइआरएस अधिकारी का फर्जी आइकार्ड व फर्जी वेबसाइट बनाई थी। वह कंप्यूटर इंजीनियर है और अपने हावभाव से प्रभावित करके लोगों को झांसे में ले लेता था। मनीष नोएडा के सेक्टर-93 में किराये के मकान में रह रहा था। वहीं पर इसका दूसरा साथी अमरोहा का योगेश कुमार भी रहता था। इटावा के दो पत्रकार पहले से उसके संपर्क में थे। इटावा में फिलहाल ठगी के दो मामले सामने आए, तहकीकात की जा रही है। पुलिस को मनीष कुमार से एक महिला के नाम की सिंडीकेट बैंक की 9 करोड़ 50 लाख की चेक तथा 96 लाख 90 हजार रुपये की चेक मनीष कुमार के नाम की मिली है।
माना जा रहा है कि किसी को ठगकर यह चेकें ली गई हैं। डिप्टी कमिश्नर दिल्ली के नाम का फर्जी परिचय पत्र, सीबीआइ का फर्जी लेटर पैड, ऑल इंडिया परिमीशन की पिस्टल, फैक्ट्री मेड राइफल, देसी तमंचा, यूपीएसई की फर्जी मैरिट लिस्ट व ई-प्रवेश पत्र, आठ मोबाइल फोन, पांच टीवी न्यूज चैनल की माइक आइडी, अलग अलग विभागों की नौ मोहरें बरामद की गई हैं।