उ0प्र0 भारत की आध्यात्मिक और धार्मिक परंपरा का हृदय स्थल- मुख्यमंत्री

Lucknow
  • लगभग दोगुनी हुई, उ0प्र0 ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के माॅडल खड़े किये

(www.arya-tv.com)लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत की आध्यात्मिक और धार्मिक परम्परा का हृदय स्थल है। यह देश व दुनिया के सामने अपनी परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। उत्तर प्रदेश असीम सम्भावनाओं वाला प्रदेश है। भारत ने वैश्विक मंच पर दुनिया को नेतृत्व दिया, लेकिन उसमें एक क्षेत्र जिसे हमने विस्मृत कर दिया, वह शिक्षा का क्षेत्र था। एक समय भारत शिक्षा के क्षेत्र में विश्व गुरु के रूप में प्रतिष्ठित था और उत्तर प्रदेश उसकी आधारभूमि था। भारतीय मनीषा ने ‘आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः’ का उद्घोष किया। 

मुख्यमंत्री  ‘हायर एजुकेशन काॅन्क्लेव-उच्च शिक्षा नीति मंथन’ के आयोजन के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। ज्ञातव्य है कि हायर एजुकेशन कान्क्लेव का आयोजन प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग तथा टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप की ओर से किया जा रहा है। इसका नाॅलेज पार्टनर डेलाॅएट है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में प्रयास प्रारम्भ किये हैं। प्रदेश ने पिछले 05-06 वर्षों में एक लम्बी यात्रा तय की है।

इस दौरान राज्य की अर्थव्यवस्था लगभग दोगुनी हुई है। प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय दोगुनी हुई है। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है। उत्तर प्रदेश ने इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट के कुछ माॅडल खड़े किये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश की असीम सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने में हमारे शैक्षिक संस्थान योगदान दे सकते हैं। इन सम्भावनाओं को नई उड़ाने देने के लिए प्रदेश के कुछ केन्द्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों और निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों ने अच्छे प्रयास प्रारम्भ किये हैं। उन्होंने रिसर्च और इनोवेशन के कुछ नये माॅडल दिये हैं।

इस दिशा में विस्तृत मनन करने, ज्ञान का आदान प्रदान करने, अपने शोध और नवाचार को प्रदेश के सभी क्षेत्रों तक विस्तार देने और उत्तर प्रदेश को शिक्षा के बेहतरीन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए इस काॅन्क्लेव का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होने जा रहा है। इस समिट के आयोजन के पूर्व ही उच्च शिक्षा संस्थानों में निवेश के 54 प्रस्ताव अब तक प्राप्त हो चुके हैं। नये विश्वविद्यालय तथा नये शिक्षा केन्द्र स्थापित करने के लिए 01 लाख 57 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिले हैं।