चीन के बाद अमेरिका ने शुरू किया युद्धाभ्यास:सबसे बड़ी ड्रिल में US-फिलीपींस के 17 हजार सैनिक शामिल

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(www.arya-tv.com) ताइवान के पास चीन की मिलिट्री ड्रिल खत्म होने के अगले ही दिन मंगलवार को अमेरिका और फिलीपींस ने अपना अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस युद्धाभ्यास में साउथ चाइना सी में डूबे एक जहाज पर लाइव फायरिंग की एक्सरसाइज भी की जाएगी।

युद्धाभ्यास में 17 हजार सैनिक हिस्सा लेंगे। इसमें 12,200 अमेरिकी और 5,400 सैनिक फिलीपींस के होंगे। इस मिलिट्री ड्रिल को बालिकतान नाम दिया गया है। फिलीपींस की भाषा में इसका मतलब कंधे से कंधा मिलाकर चलना होता है। ये ड्रिल 28 अप्रैल तक जारी रहेंगी।

ताइवान से 300 किलोमीटर दूर होगी ड्रिल
फिलीपींस की जिस लुजोन आईलैंड पर ये ड्रिल हो रही है वो ताइवान से सिर्फ 300 किलोमीटर की दूरी पर है। बालिकतान पर बात करते हुए लेफ्टिनेंट कर्नल डेनियल हुवाने ने कहा कि इससे दोनों सेनाओं को अपनी जंग की तैयारी और मिलिट्री ऑपरेशन की तकनीक दिखाने का मौका मिलेगा।

एक तरफ जहां फिलीपींस इस मिलिट्री ड्रिल को देश की सुरक्षा के लिए अहम बता रही है, वहीं फिलीपींस की कम्युनिस्ट पार्टी ने युद्धाभ्यास के खिलाफ अमेरिकी ऐंबैसी के सामने प्रदर्शन किया है। जिन्हें हिरासत में ले लिया गया।

पैट्रियट मिसाइलों का इस्तेमाल करेगा अमेरिका
फ्रांस 24 की रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका फिलीपींस में ड्रिल के दौरान पैट्रियट मिसाइलों और हिमरास रॉकेट सिस्टम का भी इस्तेमाल करेगा। पहले दोनों देशों की सेनाएं ताइवान के दक्षिणी छोर से 355 किलोमीटर की दूरी पर लाइव फायरिंग करने वाली थीं, जिसे बाद में बदल दिया गया।

लाइव फायरिंग के लिए अब स्कारबोरो शोल नाम से 300 किलोमीटर दूर एक जगह को चुना है। दरअसल, फिलीपींस की स्कारबोरो शोल पर 2012 में चीन ने कब्जा कर लिया था। इसके खिलाफ फिलीपींस ने द हेग में परमानेंट आर्बिटरेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने फिलीपींस के हक में अपना फैसला सुनाया था। इसे चीन ने मानने से खारिज कर दिया था।

ताइवान के पास अब भी मौजूद चीन के वॉर प्लेन
ताइवान की मिलिट्री का कहना है कि युद्धाभ्यास खत्म करने के बाद भी चीन के वॉर प्लेन ताइवान के पास से हट नहीं रहे हैं। मंगलवार को चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के 91 एयरक्राफ्ट और 12 नेवी के जहाजों को ट्रैक किया गया है। इनमें से 54 एयरक्राफ्ट तो ताइवान की मीडियन लाइन में भी घुसे ।

चीन की इस हरकत पर ताइवान की राष्ट्रपति ने गैर जिम्मेदार और क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाला बताया है। अपने अमेरिकी दौरे का बचाव करते हुए साई इंग वेन ने कहा कि दोस्ताना संबंध वाले देशों में विजिट का चलन काफी पुराना है। इसमें कुछ भड़काऊ नहीं था।