यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स ने नशीली दवाओं की खरीद फरोख्त करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, विदेश में भी था कंनेक्शन

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(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने नशीली दवाइयों को खरीद परोख्त करने वाले गिरोह के सरगना और उसके साथी को गिरफ्तार किया है। मंगलवार को एसटीएफ ने सलमान और उसके साथी अलजैद को वजीरगंज थाना क्षेत्र के आबिदी अपार्टमेंट से दबोचा है। उनके पास से भारी मात्रा में दवाएं भी बरामद हुई हैं। आरोपी भारत समेत अन्य देशों में इस काम को करने के लिए ऑनलाइन माध्यम से पोर्टल, कॉल सेण्टर चलाकर पे पाल और बिटकॉइन से पेमेंट लेते थे।

एसटीएफ के मुताबिक, लखनऊ और उसके आसपास के जिलों में चोरी चुपके प्रतिबंधित नशीली दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पोर्टल से खरीद फरोख्त कर नशे का व्यापार करने वाले गिरोह की सूचना मिली थी। इस पर पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम को लगाया गया। इस दौरान जानकारी मिली कि लखनऊ के आलमबाग थाना क्षेत्र में एक सक्रिय गैंग प्रतिबंधित नशीली दवाओं की अवैध रूप से ऑनलाइन माध्यम से कॉल सेंटर चलाते हुए खरीद और बिक्री कर रहा है।

दीपक कुमार सिंह ने बताया कि मुखबिर ने सूचना दी कि नशीली दवाओं के गैंग का मुखिया सलमान हाशमी अपने साथी के साथ गोलागंज, कैसरबाग स्थित फ्लैट पर मौजूद है, जहां पर सलमान साथी के साथ कॉल सेंटर का काम कर रहा है, यदि जल्दी किया जाए तो पकड़ा जा सकता है। आरोपी दवाइयों के सैम्पल लेकर उन्हें खरीदने और बेचने के संबंध में अपने इसी फ्लैट पर एकत्र हुए थे। सूचना मिलते ही टीमें मौके पर पहुंचीं। इसके बाद दोनों टीमों ने एक साथ आबिदी अपार्टमेंट के फ्लैट नं. 402 , कैसरबाग से आवश्यक बल प्रयोग करते हुए कुल 2 लोगों को पकड़ लिया।

यूपी एसटीएफ के पूछताछ में सलमान ने बताया कि इनका प्रतिबंधित दवाओं को बेचने का एक अन्तर्राष्ट्रीय गिरोह है। इस व्यवसाय के लिए कस्टमर का डाटा ये डार्क वेब के माध्यम से प्राप्त करते हैं, उनसे वॉट्सऐप से बात करके या बाय सोमा ऑनलाइन, ऑनलाइन मेड्स गुरु, बाय टैमडॉल ऑनलाइन और ऑनलाइन मेड्स केयर नामों से वेबसाइट बनाकर देश-विदेश में बेचते थे और इसका पेमेंट बिटकॉइन या पे-पाल के माध्यम से लेते थे। पैसा मिलने के बाद कोरियर भेज दिया जाता था।